सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके घर भेजें

By रामदीप मिश्रा | Updated: June 9, 2020 11:16 IST2020-06-09T11:01:36+5:302020-06-09T11:16:35+5:30

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों के हक में आदेश दिया है और उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने के लिए कहा है। साथ ही साथ उनके रोजगार का साधन भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है।

Supreme Court ordered that migrant workers are to be transported back to their home towns within 15 days | सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश, प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उनके घर भेजें

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों को घर भेजने का आदेश दिया है। (फाइल फोटो)

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उन्हें उनके घर वापस भेजा जाए। उसने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लॉकडाउन तोड़ने के लिए दर्ज सभी केस भी वापस लिए जाएं।

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर कई शहरों में फंस गए, जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर उन्हें उनके घर वापस भेजा जाए। कोर्ट ने इसके अलावा कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत लॉकडाउन तोड़ने के लिए दर्ज सभी केस भी वापस लिए जाएं।

सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि अगर श्रमिक ट्रेनों की जरूरत हो तो रेलवे 24 घंटे के भीतर ट्रेनें प्रदान करवाए। इसके अलावा, रेलवे प्रवासी श्रमिकों को सभी योजनाएं मुहैया और उन्हें प्रचार-प्रसार करे। साथ ही साथ केंद्र और राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों की सूची बनाएं और उनके कौशल के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाएं। 

सुप्रीम कोर्ट एनएचआरसी को हस्तक्षेप करने करने की दे चुका अनुमति

इससे पहले पांच जून को सुप्रीम कोर्ट नेप्रवासी श्रमिकों की परेशानियों से संबंधित मामले में शुक्रवार को मानवाधिकार निकाय एनएचआरसी को हस्तक्षेप करने की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान ली गई याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि वह केंद्र और राज्य सरकारों को प्रवासियों को भेजने के लिए 15 दिनों का समय देना चाहती है। 

न्यायालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करते हुए कहा था कि अधिकारियों द्वारा श्रमिकों का पंजीकरण किया जाना चाहिए ताकि मूल राज्यों में रोजगार के अवसर सहित उन्हें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। डिप्टी रजिस्ट्रार सुनील अरोड़ा के माध्यम से दायर हस्तक्षेप याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने प्रवासी श्रमिकों की मुश्किलों को कम करने और उनके मानवाधिकार को सुनिश्चित करने के लिए "अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपाय" पेश किए। न्यायालय उन पर विचार करेगा। 

अपने एक अल्पकालिक उपाय में आयोग ने कहा था कि प्रवासी श्रमिकों की आवाजाही का अनुमान लगाने के लिए प्रवासी राज्यों से रवाना होने और गंतव्य राज्यों में पहुचने के समय आंकड़ों को एकत्र करना चाहिए। इससे उन्हें पृथक-वास में रखने और राहत उपायों की योजना बनाने में मदद मिलेगी। आयोग ने अंतर-राज्य प्रवासी कामगारों (रोजगार और सेवा की शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 1979 के कार्यान्वयन के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया ताकि प्रवासी श्रमिकों के लिए यात्रा भत्ता सुनिश्चित हो सके।

Web Title: Supreme Court ordered that migrant workers are to be transported back to their home towns within 15 days

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