सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की याचिका पर यूपी सरकार को जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 13, 2023 04:19 PM2023-10-13T16:19:34+5:302023-10-13T16:22:37+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की याचिका पर शुक्रवार को यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की याचिका पर शुक्रवार को यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल मुख्तार अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दोषी ठहराए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वो इस मामले में कोर्ट के सामने जवाब पेश करें।
अंसारी ने 23 सितंबर 2022 के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ निचली अदालत के आदेश को पलट दिया था।
हाईकोर्ट ने अंसारी को गैंगस्टर एक्ट की धारा 2/3 के तहत दोषी ठहराया है और पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और साथ ही ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसने कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को गैंगेस्टर मामले में बरी कर दिया था।
निचली अदालत द्वारा मुख्तार को बरी किये जाने के फैसले को उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
दरअसल 23 दिसंबर 2020 को लखनऊ की एक अदालत ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 2/3 के अपराध के तहत बरी कर दिया। अंसारी के खिलाफ कोर्ट ने जिस मामले में यह आदेश सुनाया था, वह मामला लखनऊ के थाना हजरतगंज में दर्ज किया गया था।
मामले में यूपी सरकार ने मुख्तार अंसारी के साथ 24 अन्य सह-अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। कोर्ट में सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपी मुख्तार अंसारी और अन्य सह-आरोपी गिरोह के तौर पर हत्या, जबरन वसूली, अपहरण आदि जघन्य अपराध करते हैं।