आईएनएक्स मीडिया: हिरासत में रहेंगे पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, सुप्रीम कोर्ट 26 अगस्त को सुनवाई को राजी
By भाषा | Published: August 23, 2019 04:31 PM2019-08-23T16:31:13+5:302019-08-23T16:31:13+5:30
शीर्ष अदालत इस मामले में सीबीआई और ईडी के मामलों पर 26 अगस्त को सुनवाई के लिये राजी हो गयी है। बहरहाल, चिदंबरम हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि न्यायालय ने सीबीआई के मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। इसी मामले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा गया है।
उच्चतम न्यायालय ने आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में शुक्रवार को कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को 26 अगस्त तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान कर दिया।
शीर्ष अदालत इस मामले में सीबीआई और ईडी के मामलों पर 26 अगस्त को सुनवाई के लिये राजी हो गयी है। बहरहाल, चिदंबरम हिरासत में ही रहेंगे क्योंकि न्यायालय ने सीबीआई के मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है। इसी मामले में चिदंबरम को 26 अगस्त तक पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में भेजा गया है।
न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने दोनों ही मामलों को सोमवार, 26 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता के वकीलों और सालिसीटर जनरल तुषार मेहता को सुनने के बाद हमारा मानना है कि सह आरोपियों को प्रवर्तन निदेशालय के मामले में जमानत दी गयी थी। याचिकाकर्ता इस मामले में अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जायेगा। याचिका सोमवार (26 अगस्त) को सूचीबद्ध की जाये। प्रतिवादी (ईडी) सोमवार तक अपना जवाब और दलीलें दाखिल करेगा।’’
Both CBI and Enforcement Directorate matters to be heard again on Monday August 26 in Supreme Court. Chidambaram is in CBI custody till August 26. https://t.co/vVIwpsDPZc
— ANI (@ANI) August 23, 2019
आदेश लिखाये जाने के बाद मेहता ने न्यायालय को सीलबंद लिफाफे मे कुछ दस्तावेज सौंपने का प्रयास करते हुये कहा कि चिदंबरम को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान करने का आदेश देने से पहले पीठ को अपने विवेक को संतुष्ट कर लेना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं चिदंबरम के पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बत और अभिषेक मनु सिंघवी के बीच तीखी बहस
हालांकि, पीठ ने दस्तावेज को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और मेहता से कहा कि इन्हें सोमवार को ही दीजिये क्योंकि ये गोपनीय हैं और इन्हें इस तरह से नहीं रखा जा सकता। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील एवं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता एवं चिदंबरम के पार्टी सहयोगी कपिल सिब्बत और अभिषेक मनु सिंघवी के बीच तीखी बहस हुई।
मेहता ने आईएनएक्स मीडिया प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज धन शोधन के मामले में चिदंबरम को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि मुखौटा कंपनियों के माध्यम से मोटी रकम इधर से उधर हुयी थी और इसलिए इन लेनदेन की तह तक पहुंचने के लिये चिदंबरम को हिरासत मे लेकर उनसे पूछताछ की जरूरत है। मेहता ने कहा, ‘‘मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि धन शोधन का यह मामला बहुत बड़े पैमाने का है।’’
Solicitor General Tushar Mehta in Supreme Court: There are evidences in the form of digital documents, email exchanges. Corruption money has traveled through money laundering. He had at least 10 properties and 17 bank accounts abroad, what we have found so far. #Chidambaram
— ANI (@ANI) August 23, 2019
सिब्बल और सिंघवी ने कहा कि उन्होंने चिदंबरम को हिरासत में देने के विशेष अदालत के आदेश को चुनौती देते हुये अलग याचिका दायर की हैं। उन्होने कहा कि उच्च न्यायालय ने अंतरिम संरक्षण रद्द करने और अग्रिम जमानत की याचिका अस्वीकार करते समय प्रवर्तन निदेशालय के उस नोट को रिकार्ड पर लिया है जिस पर बहस ही नहीं हुयी थी।
सिब्बल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के नोट का जवाब देने का उन्हें अवसर ही नहीं दिया गया और सात महीने बाद फैसला सुनाने वाले न्यायाधीश ने इस नोट को कापी पेस्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि यह शब्दश: वही है और इसमें पैराग्राफ भी एक समान है।
सिंघवी ने दलील दी कि अग्रिम जमानत रद्द करते समय उच्च न्यायालय को इस तरह की टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए थीं कि अब समय आ गया है कि संसद कानून में संशोधन करे जिससे सफेदपोश अपराधियों को अग्रिम जमानत नहीं मिले।
चिदंबरम को सीबीआई ने मामले में बुधवार, 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने आईएनएक्स मीडिया मामले में अग्रिम जमानत की याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले को बुधवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
उच्चतम न्यायालय से किसी प्रकार की राहत पाने में विफल कांग्रेस के इस नेता को सीबीआई ने बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया था। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग करने वाली उनकी याचिका सुनवाई के लिये शुक्रवार को सूचीबद्ध की थी।
दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में चिदंबरम को चार दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में सौंप दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि चिदंबरम से हिरासत में पूछताछ न्यायोचित है।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि वैसे भी चिदंबरम को सोमवार तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि वह पहले से ही सीबीआई की हिरासत में हैं और एक साथ दो एजेंसियां एक व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकतीं। चिदंबरम 2004-14 के दौरान संप्रग सरकार में गृह और वित्त मंत्री रहे थे।
उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 20 अगस्त के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इसके बाद आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया था। चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह मंजूरी 305 करोड़ रूपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए दी गई थी। इसके बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी 2018 में इस सिलसिले में धनशोधन का एक मामला दर्ज किया था।