नयी दिल्ली, 26 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने घर खरीदारों के विवाद से संबंधित एक मामले में जल्द सुनवाई के निर्देश के बावजूद इसे 11 महीने के लिए स्थगित करने को लेकर एनसीडीआरसी के प्रति ''नाराजगी'' व्यक्त की।
शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) के अध्यक्ष से कहा कि वह अपनी अध्यक्षता वाली पीठ के जरिये मामले की सुनवाई करें, ताकि तीन महीने के भीतर इसका निपटारा किया जा सके।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा, “एनसीडीआरसी के समक्ष जिस तरह से सुनवाई चल रही है, हम उस पर नाराजगी प्रकट करते हैं। एनसीडीआरसी के अध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है कि जिस पीठ के समक्ष सुनवाई चल रही है, यदि वह इसपर सुनवाई के योग्य नहीं है तो वह अपनी अध्यक्षता वाली पीठ या फिर किसी अन्य पीठ के जरिये मामले की सुनवाई कराएं, ताकि तीन महीने के भीतर मामले का निपटारा किया जा सके।''
शीर्ष अदालत ने एनसीडीआरसी के रजिस्ट्रार से अनुपालन रिपोर्ट मांगी और स्थगन आदेश को चुनौती देने वाले घर खरीदार की अपील का निपटारा कर दिया।
पीठ ने कहा कि जब इस न्यायालय ने 15 दिसंबर, 2020 को आदेश पारित कर दिया गया था, तो पूरी लगन और प्रेषण के साथ जल्द सुनवाई के लिए कार्यवाही की जानी चाहिये थी।
पीठ ने कहा, “एनसीडीआरसी के अध्यक्ष को निर्देश दिया कि मामले को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, हालांकि उनका अभी तक निपटारा नहीं हुआ है। 25 अगस्त, 2021 को मामले की सुनवाई 21 जुलाई 2022 तक यानी 11 महीने तक के लिये टाल दी गई।''
शीर्ष अदालत ने कहा कि उसके आदेश के बावजूद एनसीडीआरसी ने 25 अगस्त, 2021 को मामले की सुनवाई नहीं की और इसे 21 जुलाई, 2022 तक के लिए स्थगित कर दिया।
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