सुप्रीम कोर्ट ने NRC को अंतिम रूप देने की डेड लाइन 31 जुलाई को आगे बढ़ाने से किया इनकार

By भाषा | Published: May 8, 2019 04:52 PM2019-05-08T16:52:36+5:302019-05-08T16:52:36+5:30

शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को हजेला से कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से बाहर रहने की वजह से दावा दाखिल करने वाले व्यक्तियों की ‘‘असुविधायें’’ न्यूनतम करने के लिये उचित कदम उठायें। हजेला ने न्यायालय से कहा था कि मसौदा सूची से बाहर रह गये व्यक्तियों की नागरिकता संबंधी दावों का ‘परिवार वंशावली’ और भूमि रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जा रहा है।

Supreme Court denies NRC deadline to go ahead on July 31 | सुप्रीम कोर्ट ने NRC को अंतिम रूप देने की डेड लाइन 31 जुलाई को आगे बढ़ाने से किया इनकार

राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किये गये थे।

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की 31 जुलाई की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी के संयोजक प्रतीक हजेला को नागरिक पंजी में नागरिकों के नाम शामिल करने या गलत तरीके से बाहर करने संबंधी दावों और आपत्तियों के निबटारे के लिये खुली छूट दे दी।

पीठ ने यह निर्देश उस समय दिया जब हजेला ने उसे सूचित किया कि नागरिक पंजी के मसौदे में चुनिन्दा व्यक्तियों के नाम शामिल करने पर आपत्ति करने वाले अनेक लोग इन शिकायतों पर विचार करने वाली समिति के सामने नहीं आ रहे हैं।

शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को हजेला से कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से बाहर रहने की वजह से दावा दाखिल करने वाले व्यक्तियों की ‘‘असुविधायें’’ न्यूनतम करने के लिये उचित कदम उठायें। हजेला ने न्यायालय से कहा था कि मसौदा सूची से बाहर रह गये व्यक्तियों की नागरिकता संबंधी दावों का ‘परिवार वंशावली’ और भूमि रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जा रहा है।

इससे पहले, पांच फरवरी को न्यायालय ने कहा था कि केन्द्र किसी न किसी तरह असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी का काम रूकवाना चाहता है। इससे पहले केन्द्र ने लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की अनुपलब्धता का हवाला देते हुये नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने का काम स्थगित करने का अनुरोध किया था।

राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किये गये थे। इस सूची में 40,70,707 व्यक्तियों के नाम नहीं थे जबकि 37,59,630 व्यक्तियों के नाम अस्वीकार कर दिये गये थे। शेष 2,48,077 व्यक्तियों के नाम अलग रखे गये थे। 

Web Title: Supreme Court denies NRC deadline to go ahead on July 31

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