जस्टिस केएम जोसेफ की नियक्ति पर सुप्रीम कोर्ट कोलेजयम आज करेगा बैठक, दोबारा नाम भेजा तो मजबूर हो जाएगी मोदी सरकार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 11, 2018 09:27 AM2018-05-11T09:27:29+5:302018-05-11T09:53:04+5:30

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसेफ का नाम सर्वोच्च अदालत के जज के रूप में नियुक्ति के लिए भेजा था जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने वापस कर दिया था।

Supreme Court Collegium meeting on justice km joseph will be held today, may turn narendra modi government decision | जस्टिस केएम जोसेफ की नियक्ति पर सुप्रीम कोर्ट कोलेजयम आज करेगा बैठक, दोबारा नाम भेजा तो मजबूर हो जाएगी मोदी सरकार

Dipak Misra and another 5 senior most judge of supreme court collegium

उत्तराखण्ड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस केएम थॉमस की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति के मसले पर सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अहम बैठक शुक्रवार (11 मई) को दोपहर एक बजे होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने जस्टिस केएम थॉमस की नियुक्ति की अनुशंसा की थी जिसे केंद्रीय कानून मंत्रालय ने लौटा दिया। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जस्टिस केएम थॉमस का नाम लौटाते समय भेजे गये लिखित जवाब में कहा था कि जस्टिस थॉमस हाई कोर्ट जजों के वरिष्ठता क्रम में काफी नीचे हैं।

सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और कूरियन जोसेफ शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की अनुशंसा पर ही केंद्र सरकार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को अंतिम मंजूरी देता है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में जनवरी 2018 में जस्टिस केएम थॉमस और सीनियर एडवोकेट इंदु मल्होत्रा का नाम सुर्वोच्च अदालत के न्यायाधीश के लिए अनुशंसित किया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने अप्रैल में इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी लेकिन जस्टिस केएम थॉमस के नाम को नहीं दी। 

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 सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम की शुक्रवार दोपहर होने वाली बैठक के एजेंडे में जहां जस्टिस केएम जोसेफ की सर्वोच्च अदालत में नियुक्त पर पुनर्विचार का बिंदु शामिल है। वहीं कलकत्ता, राजस्थान, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के जजों की प्रोन्नति पर भी कोलेजियम को विचार करना है। सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम अगर जस्टिस केएम जोसेफ का नाम दोबारा सर्वोच्च अदालत का जज बनाने के लिए करता है तो कानूनन केंद्र सरकार उनकी नियुक्ति को मंजूरी देने को बाध्य होगी। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन समेत कई पूर्व सुप्रीम कोर्ट जजों और कानूनविदों ने सार्वजनिक रूप से अपनी राय देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम को जस्टिस केएम को नाम दोबारा भेजना चाहिए। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा ने केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस जोसेफ का नाम वापस करने को न्यायापालिका की संप्रभुता पर हमला बताया था।

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केंद्र सरकार द्वारा जस्टिस केएम जोसेफ का नाम लौटाए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस जे चेलमेश्वर ने पत्र लिखकर सीजेआई दीपक मिश्रा से इस मामले पर कोलेजियम की बैठक बुलाने की अपील की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नौ मई को भी सुप्रीम कोर्ट के इन चार वरिष्ठ जजों की अनौपचारिक बैठक हुई थी। सुप्रीम कोर्ट में अभी कुल 24 जज हैं, जबकि सर्वोच्च न्यायालय में अधिकतम 31 जज हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के चार जज इसी साल रिटायर होने वाले हैं। 

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Web Title: Supreme Court Collegium meeting on justice km joseph will be held today, may turn narendra modi government decision

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