Maha Kumbh stampede: सुप्रीम कोर्ट ने कुंभ में भगदड़ को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा

By रुस्तम राणा | Updated: February 3, 2025 14:24 IST2025-02-03T14:24:43+5:302025-02-03T14:24:43+5:30

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तिवारी से कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और चिंता का विषय है, लेकिन हाईकोर्ट जाएं। न्यायिक आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है," तिवारी ने बार-बार होने वाली भगदड़ की घटनाओं पर चिंता जताई।

Supreme Court called the stampede in Kumbh unfortunate, but rejected the petition and asked to go to the High Court | Maha Kumbh stampede: सुप्रीम कोर्ट ने कुंभ में भगदड़ को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा

Maha Kumbh stampede: सुप्रीम कोर्ट ने कुंभ में भगदड़ को बताया दुर्भाग्यपूर्ण, लेकिन याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा

Highlightsसुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाकुंभ भगदड़ को "दुर्भाग्यपूर्ण" घटना बतायाजिसमें 29 जनवरी को 30 लोगों की जान चली गई थीशीर्ष अदालत यूपी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महाकुंभ भगदड़ को "दुर्भाग्यपूर्ण" घटना बताया, जिसमें 29 जनवरी को 30 लोगों की जान चली गई थी और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता एडवोकेट विशाल तिवारी से इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने को कहा।

भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने तिवारी से कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और चिंता का विषय है, लेकिन हाईकोर्ट जाएं। न्यायिक आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है," तिवारी ने बार-बार होने वाली भगदड़ की घटनाओं पर चिंता जताई।

राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया कि भगदड़ की घटना की न्यायिक जांच चल रही है। उन्होंने उच्च न्यायालय में दायर की गई एक ऐसी ही याचिका का भी हवाला दिया। सेवानिवृत्त न्यायाधीश हर्ष कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पैनल घटना की न्यायिक जांच कर रहा है। 

पूर्व पुलिस प्रमुख वीके गुप्ता और सेवानिवृत्त सिविल सेवक डीके सिंह भी पैनल का हिस्सा होंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अलग से पुलिस जांच के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में तर्क दिया गया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार महाकुंभ में भगदड़ को रोकने में विफल रही, खासकर मौनी अमावस्या पर। इसमें दावा किया गया कि प्रशासन में खामियां थीं और कुंभ मेले में श्रद्धालुओं के लिए एक समर्पित सहायता प्रकोष्ठ की मांग की गई।

याचिकाकर्ता ने सभी राज्यों को भीड़ प्रबंधन नीतियों में सुधार करने के निर्देश देने की भी मांग की और अदालत से उत्तर प्रदेश सरकार के साथ समन्वय में विभिन्न राज्यों से चिकित्सा टीमों की तैनाती का आदेश देने का अनुरोध किया।

महाकुंभ के सबसे पवित्र दिन 29 जनवरी को भोर से पहले भीड़ पुलिस बैरिकेड्स तोड़कर नदी के किनारे के एक संकरे हिस्से की ओर बढ़ गई। श्रद्धालुओं ने पानी तक पहुँचने की कोशिश करते हुए खड़े लोगों को कुचल दिया। अधिकारियों ने कहा कि भगदड़ रात 1 से 2 बजे के बीच हुई, जब लाखों लोग गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए आगे बढ़े, जिससे सुरक्षा व्यवस्था चरमरा गई।

Web Title: Supreme Court called the stampede in Kumbh unfortunate, but rejected the petition and asked to go to the High Court

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