सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा- पेश करें प्रतिबंध संबंधी आदेश

By भाषा | Published: October 17, 2019 05:13 AM2019-10-17T05:13:33+5:302019-10-17T05:13:33+5:30

याचिकाकर्ता और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने पीठ को बताया कि उन्होंने एक प्रत्युत्तर दायर किया है और कहा कि केंद्र तथा जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अब तक उन आदेशों और अधिसूचनाओं को अदालत के समक्ष नहीं रखा है।

Supreme Court Asks Jammu Kashmir Administration to Place before It Orders Imposing Restrictions | सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर प्रशासन से कहा- पेश करें प्रतिबंध संबंधी आदेश

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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद राज्य में संचार और अन्य प्रतिबंध लगाने के लिए प्रशासनिक आदेश पेश करे। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि प्रशासनिक आदेश अभी तक न्यायालय में पेश क्यों नहीं किए गए।

पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई शामिल हैं। पीठ ने सवाल किया, ‘‘आपने कुछ आदेश पारित किए हैं। आपने इसे दायर क्यों नहीं किया? क्या यह उद्देश्यपूर्ण तरीके से किया गया है?’’ मेहता ने पीठ को बताया कि उन्होंने इस मामले में पहले जवाब दिया था लेकिन अब, जहां तक ​​प्रतिबंधों का संबंध है, परिस्थितियों में बदलाव आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हलफनामा दाखिल करने के बाद जमीनी हालात में बदलाव आया है। कुछ प्रतिबंध हटा दिए गए हैं।’’ मेहता ने पीठ से कहा कि वह इन प्रतिबंधों से संबंधित प्रशासनिक आदेश केवल पीठ के अध्ययन के लिए सर्वोच्च अदालत में पेश करेंगे।

मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘हम उन्हें उच्चतम न्यायालय के सामने पेश करेंगे। राष्ट्रहित में लिए गए प्रशासनिक फैसलों की अपील पर कोई नहीं बैठ सकता। केवल न्यायालय ही इसे देख सकती है और याचिकाकर्ता निश्चित ही इसे नहीं देख सकते।’’

याचिकाकर्ता और कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन की ओर से पेश अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने पीठ को बताया कि उन्होंने एक प्रत्युत्तर दायर किया है और कहा कि केंद्र तथा जम्मू कश्मीर प्रशासन ने अब तक उन आदेशों और अधिसूचनाओं को अदालत के समक्ष नहीं रखा है।

मेहता ने पीठ से कहा कि भसीन की याचिका में मूल अनुरोध प्रतिबंधों और मीडिया की स्वतंत्रता से संबंधित थे लेकिन अब वे अपने अनुरोधों के दायरे का विस्तार कर रहे हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि मामले में पेश कुछ अधिवक्ताओं ने ऊंची आवाज में बात की।

पीठ ने कहा, ‘‘वकीलों के लिए अदालत में चिल्लाना उचित नहीं है। यह उचित नहीं है।’’ पीठ ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की।

Web Title: Supreme Court Asks Jammu Kashmir Administration to Place before It Orders Imposing Restrictions

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