सुप्रीम कोर्टः 10 एससी, ओबीसी और पिछड़ा वर्ग के 11 न्यायाधीशों की नियुक्ति, सीजेआई बीआर गवई ने बनाया रिकॉर्ड, देखिए पूरी सूची

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 22, 2025 18:29 IST2025-11-22T18:28:25+5:302025-11-22T18:29:21+5:30

Supreme Court: विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सरकार को 129 नामों की सिफारिश की, जिनमें से 93 नामों को मंजूरी दी गई।

Supreme Court 10 SC, 11 OBC and ebc judges appointed CJI BR Gavai sets record see full list | सुप्रीम कोर्टः 10 एससी, ओबीसी और पिछड़ा वर्ग के 11 न्यायाधीशों की नियुक्ति, सीजेआई बीआर गवई ने बनाया रिकॉर्ड, देखिए पूरी सूची

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Highlightsन्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली की भी शीर्ष अदालत में नियुक्ति हुई। 13 न्यायाधीशों और 15 महिला न्यायाधीशों के नाम शामिल थे।न्यायमूर्ति गवई रविवार (23 नवंबर) को पदमुक्त हो जाएंगे।

नई दिल्लीः प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति बीआर गवई के लगभग छह महीने के कार्यकाल के दौरान देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में अनुसूचित जाति (एस) वर्ग के 10 न्यायाधीशों, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और पिछड़ा वर्ग (बीसी) के 11 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई। न्यायमूर्ति गवई देश के पहले बौद्ध और दूसरे दलित प्रधान न्यायाधीश हैं। उन्होंने उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम का नेतृत्व किया, जिसने विभिन्न उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए सरकार को 129 नामों की सिफारिश की, जिनमें से 93 नामों को मंजूरी दी गई।

न्यायमूर्ति गवई के कार्यकाल के दौरान पांच न्यायाधीशों-न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई, न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर, न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली की भी शीर्ष अदालत में नियुक्ति हुई। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर 14 मई से लेकर अब तक अपलोड किए गए न्यायाधीशों की नियुक्ति संबंधी विवरण के मुताबिक, जब न्यायमूर्ति गवई भारत के प्रधान न्यायाधीश बने, उसके बाद सरकार की ओर से उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए मंजूर किए गए 93 नामों में अल्पसंख्यक समुदायों के 13 न्यायाधीशों और 15 महिला न्यायाधीशों के नाम शामिल थे।

विवरण के अनुसार, न्यायमूर्ति गवई के कार्यकाल में जिन न्यायाधीशों की नियुक्ति को मंजूरी दी गई, उनमें से पांच पूर्व या सेवारत न्यायाधीशों से संबंधित हैं, जबकि 49 न्यायाधीश बार से नियुक्त किए गए और बाकी सेवा संवर्ग से हैं। न्यायमूर्ति गवई रविवार (23 नवंबर) को पदमुक्त हो जाएंगे।

उनके उत्तराधिकारी न्यायमूर्ति सूर्यकांत 24 नवंबर को भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। भारत के 52वें प्रधान न्यायाधीश गवई ने अपने छह महीने के कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं, जिनमें वक्फ कानून के प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाना, न्यायाधिकरण सुधार कानून को रद्द करना और केंद्र को परियोजनाओं को बाद में हरित मंजूरी देने की अनुमति देना शामिल है।

शुक्रवार का दिन प्रधान न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गवई का अंतिम कार्य दिवस था। वह न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन के बाद भारतीय न्यायपालिका का नेतृत्व करने वाले दूसरे दलित न्यायाधीश थे। अपने अंतिम कार्य दिवस पर मिले सम्मान से अभिभूत न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि वह एक वकील और न्यायाधीश के रूप में चार दशकों की यात्रा पूरी करने के बाद “पूर्ण संतुष्टि की भावना के साथ” तथा “न्याय के छात्र” के रूप में संस्थान छोड़ रहे हैं।

Web Title: Supreme Court 10 SC, 11 OBC and ebc judges appointed CJI BR Gavai sets record see full list

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