सुपरटेक मामला : एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के निवासियों ने कहा, सत्य की जीत हुई

By भाषा | Updated: August 31, 2021 19:38 IST2021-08-31T19:38:03+5:302021-08-31T19:38:03+5:30

Supertech case: Residents of Emerald Court project say truth prevails | सुपरटेक मामला : एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के निवासियों ने कहा, सत्य की जीत हुई

सुपरटेक मामला : एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के निवासियों ने कहा, सत्य की जीत हुई

उच्चतम न्यायालय द्वारा नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला दो टावरों एपेक्स और सियेन का निर्माण नियम विरूद्ध होने के कारण गिराये जाने का निर्देश मंगलवार को दिए जाने पर एमेराल्ड कोर्ट परियोजना के निवासियो ने कहा कि सच की जीत हुई है और शीर्ष अदालत के प्रति विश्वास और बढ़ा है। उच्चतम न्यायालय द्वारा एमेराल्ड कोर्ट परिसर में मौजूद दो टावरों को गिराने का आदेश देने के साथ एक दशक पुरानी कानूनी लड़ाई का पटाक्षेप हो गया जिससे यहां के निवासियों ने राहत की सांस ली है। निवासियों ने बताया कि 15 टावर में कुल 660 फ्लैट हैं लेकिन वर्ष 2009 में नियमों को तोड़कर दो टावरों का निर्माण शुरू हुआ और उन्हें बताया गया कि यह अलग परियोजना का हिस्सा है। एमेराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए के पूर्व अध्यक्ष एसके शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को कहा, ‘‘हमने परियोजना से जुड़े नक्शे और मंजूरी पत्र को देखने पर जोर दिया, क्योंकि परियोजना बहुत बड़ी दिख रही थी और दो ढांचो के बीच की दूरी के नियम का उल्लंघन करती प्रतीत हो रही थी। कई बार की कोशिशों के बाद हमें नक्शा देखने को मिला जिसे देखकर हम स्तब्ध रह गए। हमे महसूस हुआ कि बिल्डर नियमों का उल्लंघन कर कार्य कर रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इसके बाद कुछ निवासियों ने वर्ष 2012 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने दो साल बाद दोनों टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया लेकिन बिल्डर फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय चला गया। शर्मा (74 वर्षीय) ने कहा, ‘‘सच्चाई की जीत हुई है और हमारा उच्चतम न्यायालय के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। हमने गत सालों में प्रभावशाली बिल्डर के खिलाफ हर संभव दरवाजा खटखटाया।’’ एमेराल्ड कोर्ट की अन्य निवासी रचना जैन ने कहा कि शीर्ष अदालत का फैसला उन सभी निवासियों के लिए जीत है जो गलत के खिलाफ खड़े हुए। उनके दिवंगत पति एमके जैन हाउसिंग सोसाइटी के निवासियों के मुख्य कानूनी समिति के हिस्सा थे जिसने बिल्डर को अदालत में चुनौती दी थी। जैन ने कहा, ‘‘इसमें कोई शक नहीं है कि वह (पति) अदालत के फैसले से बहुत खुश होते।’’ उन्होंने अपने पति को ‘साहसी व्यक्ति ’ के तौर पर याद किया। एमके जैन की पिछले साल कोविड-19 की वजह से मौत हो गई थी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा निवासियों के संगठनों ने भी शीर्ष अदालत के फैसले का स्वागत किया और स्थानीय विकास प्राधिकरण की बिल्डर के साथ साठगांठ की निंदा की। नोएडा फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन (एनओएफएए) के अध्यक्ष राजीव सिंह ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए इसे ‘ऐतिहासिक फैसला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह न केवल एमेराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए टीम की जीत है बल्कि पूरे घर खरीददार समुदाय की जीत है। सिंह ने कहा,‘‘इस फैसले ने घर खरीददारों को देश की कानून प्रणाली के प्रति विश्वास बढाया है। जिस तरह से हमारे डेवलपर और शसकीय निकाय काम कर रहे हैं, इस प्रणाली में बहुत जरूरी सुधार के लिए यह शुरुआत होनी चाहिए।’’ नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट ओनर्स वेल्फेयर एसोसिएशन (एनईएफओडब्ल्यूए) के मनीष कुमार ने कहा कि यह फैसला निवासियों के पक्ष में है और सुपरटेक लिमिटेड और नोएडा प्राधिकरण के लिए ‘बड़ा झटका’ है।

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Web Title: Supertech case: Residents of Emerald Court project say truth prevails

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