लाइव न्यूज़ :

जन्मदिन पर पढ़ें क्रांतिकारी हिन्दी कवि सुदामा पाण्डेय 'धूमिल' की 5 प्रतिनिधि रचनाएँ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 9, 2018 16:20 IST

धूमिल को 'कल सुनना मुझे' कविता-संग्रह के लिए 1979 में मृत्योपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था। जीते जी धूमिल का केवल एक कविता संग्रह प्रकाशित हो सका था। धूमिल की महज 38 साल की उम्र में 1975 में मृत्यु हो गयी।

Open in App

सुदामा पाण्डेय 'धूमिल' हिन्दी के सर्वश्रेष्ठ कवियों में शुमार किये जाते हैं। धूमिल का जन्म नौ नवंबर 1936 को वाराणसी के नजदीक स्थित खेवली गाँव में हुआ था। धूमिल को हिन्दी की साठोत्तरी कविता के प्रमुख हस्ताक्षरों में शुमार किया जाता है। 'संसद से सड़क तक' और 'कल सुनना मुझे' उनके प्रमुख कविता संग्रह हैं। 'कल सुनना मुझे' के लिए उन्हें 1979 में मृत्योपरांत साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। धूमिल की 10 फरवरी 1975 को महज 38 साल की उम्र में मृत्यु हो गयी। धूमिल शिल्प और कथ्य दोनों स्तर पर भारत के सबसे क्रांतिकारी और प्रयोगधर्मी कवियों में शुमार किये जाते हैं।

नीचे पढ़ें धूमिल की 5 प्रतिनिधि कविताएँ-

धूमिल की पहली कविता

शब्द किस तरह कविता बनते हैं

इसे देखो 

अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को पढ़ो

क्या तुमने सुना कि यह लोहे की आवाज़ है या मिट्टी में गिरे हुए ख़ून का रंग।

लोहे का स्वाद लोहार से मत पूछो

घोड़े से पूछो जिसके मुंह में लगाम है।

dhoomil

धूमिल की दूसरी कविता

हर तरफ धुआं हैहर तरफ कुहासा हैजो दांतों और दलदलों का दलाल हैवही देशभक्त है।

अंधकार में सुरक्षित होने का नाम है- तटस्थता. यहां कायरता के चेहरे परसबसे ज्यादा रक्त हैजिसके पास थाली हैहर भूखा आदमी उसके लिए,सबसे भद्दी गाली है।

हर तरफ कुआं हैहर तरफ खाईं हैयहां, सिर्फ, वह आदमी, देश के करीब हैजो या तो मूर्ख हैया फिर गरीब है।

dhoomil

धूमिल की तीसरी कविता

एक आदमी रोटी बेलता हैएक आदमी रोटी खाता हैएक तीसरा आदमी भी हैजो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता हैवह सिर्फ़ रोटी से खेलता हैमैं पूछता हूँ--'यह तीसरा आदमी कौन है ?'मेरे देश की संसद मौन है।

dhoomil

धूमिल की चौथी कविता

भूख और भूख की आड़ मेंचबायी गयी चीजों का अक्सउनके दाँतों पर ढूँढना बेकार है। समाजवाद उनकी जुबान पर अपनी सुरक्षा का एक आधुनिक मुहावरा है।मगर मैं जानता हूँ कि मेरे देश का समाजवादमालगोदाम में लटकती हुईउन बाल्टियों की तरह है जिस पर ‘आग’ लिखा हैऔर उनमें बालू और पानी भरा है।

dhoomil
धूमिल की पाँचवी कविता

"सुनो !आज मैं तुम्हें वह सत्य बतलाता हूँजिसके आगे हर सच्चाई छोटी है इस दुनिया में भूखे आदमी का सबसे बड़ा तर्क रोटी है।मगर तुम्हारी भूख और भाषा मेंयदि सही दूरी नहीं हैतो तुम अपने आप को आदमी मत कहोक्योंकि पशुता-सिर्फ पूंछ होने की मजबूरी नहीं है।

dhoomil

टॅग्स :बर्थडे स्पेशलसुदामा पाण्डेय 'धूमिल'कला एवं संस्कृति
Open in App

संबंधित खबरें

भारतIndira Gandhi Birth Anniversary 2025: आज है देश की पहली महिला प्रधानमंत्री का जन्मदिन, जानें 19 नवंबर की तारीख भारतीय इतिहास में क्यों खास?

बॉलीवुड चुस्कीShahrukh Khan Birthday: आज हैं शाहरुख खान का बर्थडे, टीवी से शुरु किया करियर और बन गए बॉलीवुड के बादशाह, जानिए

बॉलीवुड चुस्कीShah Rukh Khan’s 60th Birthday: आज 2 नवंबर को 60 साल के हुए शाहरुख खान, फिल्म दीवाना से बॉलीवुड में कदम रखा था...

भारत'उनका जीवन याद दिलाता है विनम्रता और कड़ी मेहनत...', पीएम मोदी ने ‘मिसाइल मैन’ को किया याद

भारतMamata Banerjee Wished Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर ममता बनर्जी ने याद किए 1984 के दिन...

भारत अधिक खबरें

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: आज भी मिलिंद कॉलेज में संरक्षित है आंबेडकर की विरासत, जानें

भारतडॉ. आंबेडकर की पुण्यतिथि आज, पीएम मोदी समेत नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

भारतIndiGo Crisis: लगातार फ्लाइट्स कैंसिल कर रहा इंडिगो, फिर कैसे बुक हो रहे टिकट, जानें