बालासोर में पृथ्वी-II और अग्नि-I बैलिस्टिक मिसाइल और लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जय हो भारत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 17, 2025 22:35 IST2025-07-17T22:34:35+5:302025-07-17T22:35:13+5:30

अग्नि-1 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि पृथ्वी-2 का परीक्षण कुछ समय बाद चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड संख्या-3 से किया गया।

Successful test of Prithvi-II and Agni-I ballistic missiles in Balasore Akash Prime missile in Ladakh Jai Ho Bharat Know what strike | बालासोर में पृथ्वी-II और अग्नि-I बैलिस्टिक मिसाइल और लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण, जय हो भारत

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Highlightsभारत ने लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।भारतीय सेना के लिए तैयार आकाश हथियार प्रणाली का उन्नत संस्करण है।

बालासोरः भारत ने बृहस्पतिवार को ओडिशा के तट स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों पृथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया, ‘‘इन प्रक्षेपणों ने सभी परिचालन और तकनीकी मानकों को पूरा किया। ये परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किए गए।’’ अग्नि-1 का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया, जबकि पृथ्वी-2 का परीक्षण कुछ समय बाद चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज के लॉन्च पैड संख्या-3 से किया गया।

भारत ने आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया

भारत ने लद्दाख में आकाश प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने बताया कि इस हथियार प्रणाली को समुद्रतल से 4,500 मीटर की ऊंचाई पर संचालित करने के लिए तैयार किया गया है। इसमें कहा गया है कि यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की स्वदेशी रूप से विकसित वायु रक्षा प्रणालियों के ‘असाधारण प्रदर्शन’ के बाद आई है। आकाश प्राइम मिसाइल भारतीय सेना के लिए तैयार आकाश हथियार प्रणाली का उन्नत संस्करण है।

लद्दाख में मिसाइल का परीक्षण इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत ने 16 जुलाई को भारतीय सेना के लिए तैयार आकाश हथियार प्रणाली के उन्नत संस्करण आकाश प्राइम ने लद्दाख में ऊंचाई पर दो तेज गति वाले मानव रहित लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की।’’

इसमें कहा गया है कि हथियार प्रणाली को समुद्रतल से 4,500 मीटर से अधिक ऊंचाई पर संचालित करने के लिए तैयार किया गया है और इसमें स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो फ्रीक्वेंसी सीकर सहित नवीनतम प्रौद्योगिकी को समायोजित किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, ‘‘उपयोगकर्ताओं से प्राप्त परिचालन फीडबैक के आधार पर परिचालन प्रभावशीलता में सुधार के लिए विभिन्न उन्नयन किए गए हैं।

जो स्वदेशी हथियार प्रणाली के लिए बनाए गए पारिस्थितिकी तंत्र के लाभ को प्रदर्शित करता है।’’ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ‘उल्लेखनीय उपलब्धि’ के लिए भारतीय सेना, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और उद्योग जगत की सराहना की। उन्होंने इस सफलता को भारत की वायु रक्षा क्षमताओं, विशेष रूप से अधिक ऊंचाई पर परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में अहम बताया।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘सेना, वायु रक्षा और डीआरडीओ ने भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड जैसे रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों, अन्य उद्योग भागीदारों के साथ मिलकर स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित आकाश प्राइम हथियार प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।’’

Web Title: Successful test of Prithvi-II and Agni-I ballistic missiles in Balasore Akash Prime missile in Ladakh Jai Ho Bharat Know what strike

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