सुब्रमण्यम स्वामी ने फिर छेड़ा ईवीएम में धांधली का राग, "बोले- 2024 के चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में जांच के लिए दायर कर सकता हूं याचिका"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: November 13, 2022 16:37 IST2022-11-13T16:26:31+5:302022-11-13T16:37:28+5:30
सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि वो ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं और उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि ईवीएम में धांधली हो सकती है।

फाइल फोटो
दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद सुब्रमण्य स्वामी ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर वोटिंग के प्रयोग में लाये जाने वाली ईवीएस पर आशंका व्यक्त करते हुए सवाल खड़ा कर दिया है। स्वामी का कहना है कि वो ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं और उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि ईवीएम में धांधली हो सकती है।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस विवाद को फिर से हवा देते हुए सुब्रमण्य स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, "मेरे द्वारा साल 2014 में ईवीएम में वीवीपैट के इस्तेमाल वाली रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले समीक्षा होनी चाहिए क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिनकी जांच करना फिर से आवश्यकता हो गया है। अगर इसकी जरूरत पड़ी तो मैं फिर से अप्रैल 2023 में इसके लिए एक नई रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर करूंगा।"
The 2014 judgment of SC on my Writ Petition directing introduction of VVPAT in EVMs requires review before the 2024 LS elections because some procedural changes have been made by EC which need to be scrutinised. I will file a fresh Writ Petition in April 2023 if need be.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 13, 2022
चुनावी हार के बाद विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम पर ठीकरा फोड़े जाना का बयान तो अक्सर सुनने में आता है लेकिन साल 2014 और 2019 में लोकसभा में बहुमत से जीत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता होकर भी स्वामी द्वारा इस मुद्दे में विपक्ष की आवाज में आवा मिलाना, किसी आश्चर्य से कम नहीं समझा जाता है।
इतना ही नहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्य स्वामी तो इस बात का भी दावा करते हैं कि ईवीएम में होने वाली धांधली के आशंका का मुद्दा सबसे पहले उन्होंने ही उठाया था, उसके बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम को लेकर उनके द्वारा उठाई गई आपत्ति को लपक लिया था।
मालूम हो कि सुब्रमण्य स्वामी ने ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उस समय सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मशीन के लिए वीवीपैट की मांग की थी, जब वो भाजपा में नहीं बल्कि जनता पार्टी के अध्यक्ष हुआ करते थे। स्वामी ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी।
साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी स्वमी इस मुद्दे पर चुनाव आयोग को घेर चुके हैं और विपक्षी दलों ने भी स्वामी का साथ दिया था लेकिन सभी अटकलों को खारिज करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की थी।