सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने कहा, ‘अब नेताजी की भी वतन वापसी हो’

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 15, 2022 04:04 PM2022-08-15T16:04:07+5:302022-08-15T16:09:32+5:30

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने मोदी सरकार से अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि नेताजी को उनकी मातृभूमि में वापस लाया जाए।

Subhash Chandra Bose's daughter Anita Bose said, 'Now Netaji should also return home' | सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने कहा, ‘अब नेताजी की भी वतन वापसी हो’

फाइल फोटो

Highlightsनेताजी की बेटी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि नेताजी को मातृभूमि में वापस लाया जाएअनीता बोस ने कहा कि मेरे पिता के जीवन में देश की स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं थाआज मेरे पिता आजादी का आनंद नहीं ले सकते हैं लेकिन उनके अवशेषों को वापस तो लाया जाए

टोक्यो: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस ने आजादी के महापर्व पर मोदी सरकार से मांग की कि वो जापान में रखे नेताजी के अवशेष भारत ले आएं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत कथित तौर पर 18 अगस्त 1945 को जापानी विमान हादसे में हुई थी। नेताजी का प्लेन क्रेश जापान के कब्जे वाले फोर्मोसा (आधुनिक ताइवान) में हुआ था।

नेताजी की मौत के संबंध में कई थ्योरी बताई जाती है साथ ही आरोप लगाया जाता है कि साजिश के तहत नेताजी के प्लेन को क्रैश कराया गया था। उस हादसे के बाद नेताजी के शव का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान के साथ जापान में ही किया गया और उनके अवशेषों को एकत्र करके टोक्यो के रेनकोजी मंदिर में रख दिया गया। तब से जापान स्थित भारतीय दूतावास अपने संरक्षण में नेताजी के अस्थियों की देखभाल कर रही है।

नेताजी की बेटी अनीता बोस ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि आज तकनीक बेहद उन्नत मुकाम पर है। डीएनए परीक्षण के जरिये पहचान को सुनिश्चित किया जा सकता है। बशर्ते रेनकोजी मंदिर में रखे अवशेषों को बेहद सावधानी से निकाला जाए और उनका डीएनए परीक्षण हो। इससे नेताजी की मौत पर घीरे संदेह के बादलों को छंटने में मदद मिलेगा।

नेताजी की बेटी ने कहा, इस संबंध में रेनकोजी मंदिर के पुजारी और जापानी सरकार को भी कोई आपत्ति नहीं है और वे नेताजी से संरक्षित अवशेष को सौंपने के लिए तैयार हैं। इसलिए भारत को प्रयास करना चाहिए कि इस दिशा में सकारात्मक कदम उठे।

मोदी सरकार से अपील करते हुए नेताजी की बेटी ने कहा, "नेताजी को उनकी मातृभूमि में वापस लाने के मोदी सरकार को प्रयास करना चाहिए। इसके लिए न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों भी आगे आएं।

उन्होंने कहा, “मेरे पिता के जीवन में देश की स्वतंत्रता से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं था। उनके जीवन की पहली और आखिरी प्रथमिकता थी देश के लोग आजाद हवा में सांस ले सकें। चूंकि वे आज इस आजादी के आनंद का अनुभव करने के लिए जीवित नहीं हैं, लेकिन समय आ गया है कि कम से कम उनके अवशेष भारतीय धरती पर वापस ले जाया जाए।"

Web Title: Subhash Chandra Bose's daughter Anita Bose said, 'Now Netaji should also return home'

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