लद्दाख में खराब इंटरनेट सेवाओं से जूझ रहे हैं छात्र, अधिकारियों ने सुधार का आश्वासन दिया

By भाषा | Updated: May 26, 2021 17:48 IST2021-05-26T17:48:28+5:302021-05-26T17:48:28+5:30

Students battling with poor internet services in Ladakh, officials assured improvement | लद्दाख में खराब इंटरनेट सेवाओं से जूझ रहे हैं छात्र, अधिकारियों ने सुधार का आश्वासन दिया

लद्दाख में खराब इंटरनेट सेवाओं से जूझ रहे हैं छात्र, अधिकारियों ने सुधार का आश्वासन दिया

करगिल, 26 मई ऑनलाइन कक्षाओं के लिए मोबाइल नेटवर्क की तलाश में छात्रों के अपने गांवों के बाहर मीलों तक पैदल चलने की खबरों के बीच करगिल में प्राधिकारियों को आगामी महीनों में लोगों को अबाधित इंटरनेट संपर्क मुहैया कराने की उम्मीद है।

द्रास में शिम्शा और करकिट समेत अलग-अलग गांवों के दर्जनों छात्रों को कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूल बंद होने की वजह से वर्चुअल कक्षाएं लेने के लिए श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पहाड़ी तक रोज तीन किलोमीटर तक चलकर पहुंचना पड़ता है।

सोशल मीडिया पर शिम्शा के एक समूह की ऐसी ही वीडियो चल रही है जिसमें लड़के और लड़कियों को सड़क किनारे एक पहाड़ी पर बैठकर खुले आसमान के नीचे आनलाइन कक्षा करते हुए देखा जा सकता है।

एक छात्र ने कहा, ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से हमारे गांव में बार-बार अनुरोध के बावजूद इंटरनेट संपर्क नहीं है और हमें ऑनलाइन कक्षा लेने के लिए अपने घर से दूर तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।’’

एक अन्य छात्र ने कहा कि उनके पास गिने-चुने स्थान है क्योंकि ‘‘हम महामारी फैलने के खतरे के कारण और एक किलोमीटर आगे पास के गांव में नहीं जा सकते।’’

एक लड़की ने कहा कि उन्हें पैदल सफर करने में बहुत दिक्कतें आती हैं लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है।

अधिकारियों ने बताया कि लद्दाख अभी केवल एक केबल लाइन से जुड़ा हुआ है और भारी संख्या में उपयोगकर्ताओं के आने से कई बार इंटरनेट संपर्क बाधित हो जाता है।

बीएसएनएल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सुचारू और अबाधित संपर्क के कारण श्रीनगर की ओर से वीटीएल पीजीसीआईएल फाइबर केबल पर काम चल रहा है। ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का करीब 80 फीसदी काम पूरा हो गया है जबकि बाकी का 20 प्रतिशत काम तीन से चार महीने में पूरा हो जाएगा।’’

अधिकारी ने बताया कि जिले में बीएसएनएल के 45 टावर काम कर रहे हैं जिनमें से सात सेना के अधिकार क्षेत्र में है।

जियो टेलीकॉम सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि जिले में कंपनी के 37 टावर चल रहे हैं जबकि सात और टावर जल्द ही लगाए जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि उपभोक्ताओं को मोबाइल और इंटरनेट की सुचारू सेवा मुहैया कराने के लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं जबकि अलग-अलग स्थानों पर मोबाइल टावर लगाकर बुनियादी ढांचा मजबूत करने का काम चल रहा है।

करगिल के पांच दिन के दौरे पर आए लद्दाख से सांसद जमयांग शेरिंग नामज्ञाल ने टावर लगाने खासतौर से सीमावर्ती इलाकों में किसी भी बाधा के लिए दूरसंचार ऑपरेटरों से उनसे संपर्क करने को कहा है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘दूरसंचार ऑपरेटरों को उचित वजहों के साथ उन्हें समस्या बतानी चाहिए और उनके संज्ञान में यह लाना चाहिए।’’

लोकसभा सांसद ने आश्वस्त किया कि वह संबंधित प्राधिकारियों के साथ निजी तौर पर ऐसे मुद्दे को उठाएंगे।

नामज्ञाल ने कहा कि जमीनी मुद्दों के कारण सार्वजनिक इलाकों में टावर लगाए जाने में बाधा नहीं आनी चाहिए और टावर लगाने के लिए केवल तकनीकी सुगम्यता को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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