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पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ीं, तेज हवा ने दी दिल्ली को वायु प्रदूषण से आंशिक राहत

By भाषा | Updated: November 17, 2019 16:59 IST

कृषि मंत्रालय द्वारा उपग्रह से जुटाये गये आंकड़ों के अनुसार, तीनों राज्यों में इस साल एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने की 55,031 घटनायें दर्ज की गयीं।

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ठळक मुद्देपंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया गया हैराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा की गति बढने के कारण वायु गुणवत्ता में फौरी तौर पर सुधार आया है।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में एक बार फिर इजाफा दर्ज किया गया है, हालांकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हवा की गति बढने के कारण वायु गुणवत्ता में फौरी तौर पर सुधार आया है। मौसम विभाग ने इसे आंशिक राहत बताते हुये अगले सप्ताह सोमवार से हवा की गति में कमी आने के कारण मंगलवार और बुधवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट बढ़ने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं के शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले तीन दिनों की तुलना में तीनों राज्यों में पराली जलाने के मामले बढ़कर 232 हो गये हैं। इन राज्यों में 14 नवंबर को यह संख्या 209 थी। पराली जलाने के मामले में पिछले तीन सालों से पंजाब अभी भी सबसे आगे है और इन घटनाओं में कमी की दर, तीनों राज्यों में सबसे कम पंजाब में ही है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंच चुके वायु प्रदूषण के कारणों में, पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर पराली जलाने की घटनायें, मुख्य वजह के रूप में सामने आयी हैं।

कृषि मंत्रालय द्वारा उपग्रह से जुटाये गये आंकड़ों के अनुसार, तीनों राज्यों में इस साल एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक पराली जलाने की 55,031 घटनायें दर्ज की गयीं। इनमें सर्वाधिक 46,313 घटनायें पंजाब में दर्ज की गयीं। जबकि इसी अवधि में हरियाणा में 5,853 और उत्तर प्रदेश में 2,865 मामले दर्ज किये गये।

आंकड़ों के मुताबिक, इस साल एक अक्टूबर से 15 नवंबर तक की अवधि में पिछले साल इसी अवधि की तुलना में तीनों राज्यों में पराली जलाने में 15.8 प्रतिशत की कमी आयी है। इन मामलों में सर्वाधिक (41.9 प्रतिशत) कमी उत्तर प्रदेश में दर्ज की गयी। हरियाणा में 19.3 प्रतिशत और पंजाब में सबसे कम, 12.9 प्रतिशत कमी आयी है।

इस बीच मौसम विभाग ने रविवार को हवा की गति 25 से 30 किमी प्रतिघंटा होने के कारण हवा में घुलनशील दूषित तत्वों के वायुमंडल में ठहर नहीं पाने को दिल्ली एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार की वजह बताया है।

विभाग की उत्तर क्षेत्रीय पूर्वानुमान इकाई के प्रमुख डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को हवा की गति घटकर 15 से 20 किमी प्रतिघंटा रह जायेगी। जबकि मंगलवार को यह सात से आठ किमी प्रतिघंटा के स्तर पर आने का अनुमान है।

इस पूर्वानुमान के आधार पर डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि रविवार और सोमवार को ही वायु प्रदूषण से थोड़ी राहत रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि मंगलवार को हवा की गति सात से आठ किमी प्रतिघंटा होने और बुधवार को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में मध्यम श्रेणी का कोहरा होने तथा न्यूनतम तापमान में गिरावट के कारण 19 और 20 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक में फिर से उछाल की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

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