वायनाड (केरल), आठ फरवरी वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के आसपास एक निर्दिष्ट क्षेत्र को पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) के रूप में वर्गीकृत करने संबंधी केंद्र सरकार की मसौदा अधिसूचना के खिलाफ सोमवार को यहां दिनभर का हड़ताल आयोजित किया गया।
केरल में विपक्षी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने हड़ताल का आह्वान किया था।
हड़ताल के कारण जिले में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। जिले के कालापेटा, बथेरी और मनन्तवाड़ी जैसे प्रमुख शहरों में और उनके आसपास के इलाकों में लगभग सभी दुकानें बंद रहीं और सार्वजनिक परिवहन भी बंद रहे।
राज्य में व्यवसायियों के एक संगठन वासारी व्यवसायी एकोपना समिति ने हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की थी।
केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 28 जनवरी को जारी की गई मसौदा अधिसूचना के अनुसार, अभयारण्य के चारों ओर 3.4 किलोमीटर तक के क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के अंतर्गत कर दिया गया है।
यूडीएफ ने कहा कि कई गांव अभयारण्य की सीमा से सटे हुए हैं और इसलिए पास के कई क्षेत्रों में स्थित कई बस्तियां उस क्षेत्र के भीतर आती हैं।
जैव विविधता से समृद्ध यह अभयारण्य लगभग 344 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो मुख्य रूप से हाथियों और बाघों का आश्रय स्थल है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
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