रूस से राज्य खुद नहीं खरीदेंगे वैक्सीन, वितरण के लिए बनेगा पारदर्शी डिजिटल सिस्टम

By एसके गुप्ता | Published: August 12, 2020 09:16 PM2020-08-12T21:16:59+5:302020-08-12T21:16:59+5:30

विभिन्न समूहों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता पर विचार विमर्श के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य डा.वीके पॉल ने की। यदि तमाम मानक संस्थाओं द्वारा वैक्सीन को हरी झंडी मिलती है तो पारदर्शी डिजिटल सिस्टम से वैक्सीन का वितरण होगा।

States will not buy vaccines from Russia, transparent digital system will be made for distribution | रूस से राज्य खुद नहीं खरीदेंगे वैक्सीन, वितरण के लिए बनेगा पारदर्शी डिजिटल सिस्टम

सांकेतिक तस्वीर (File Photo)

Highlightsइस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण भी मौजूद थे।रूसी कोरोना वैक्सीन परियोजना के लिए फंड मुहैया कराने वाली संस्था रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने भारत में उत्पादन की बात कही है। रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, अमेरिका और जर्मनी ने भी संदेह जाहिर किया है।

नई दिल्ली: रूस से वैक्सीन खरीदने और देश में उसके उत्पादन व रखरखाव को लेकर कोविड-19 के राष्ट्रीय प्रशासनिक वैक्सीन समूह की पहली बैठक बुधवार को हुई। बैठक में यह तय हुआ कि कोई भी राज्य अलग से खुद वैक्सीन की खरीद नहीं करेगा। इसके वितरण और निर्माण के लिए एक पारदर्शी डिजिटल व्यवस्था तैयार की जाएगी।

विभिन्न समूहों के लिए वैक्सीन की उपलब्धता पर विचार विमर्श के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य डा.वीके पॉल ने की। इनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण भी मौजूद थे।

रूसी कोरोना वैक्सीन परियोजना के लिए फंड मुहैया कराने वाली संस्था रशियन डॉयरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने अपने बयान में कहा है कि इस वैक्सीन का उत्पादन भारत सहित कई देशों में होगा और वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल भारत, सऊदी अरब, यूएई, ब्राजील और फिलीपींस सहित कई देशों में किए जाने की योजना है।

कोविड-19 के राष्ट्रीय प्रशासनिक वैक्सीन समूह की पहली बैठक में वैक्सीन लगाने के नैतिक पहलुओं पर विचार करने के साथ यह तय हुआ कि वह राज्य सरकारों एवं टीका निर्माताओं सहित सभी हितधारकों से बात करेंगे। जिससे देश में हर व्यक्ति तक कोविड वैक्सीन पहुंच सके।

टीकाकरण के राष्ट्रीय तकनीकी सलाह समूह की उप समिति वैक्सीन लगाने के मापदंड तय करेगी-

इसके लिए टीकाकरण के राष्ट्रीय तकनीकी सलाह समूह की उप समिति वैक्सीन लगाने के मापदंड तय करेगी। बैठक में वैक्सीन स्टोरेज के लिए कोल्ड चेन और वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता अपनाने पर मंत्रणा हुई। इसके अलावा वैक्सीन कितनी सुरक्षित और प्रभावी है।

यह जानने के लिए लोगों को जागरूक करने और उसकी सर्विलांस को लेकर एक डिजिटल सिस्टम तैयार करने पर बात हुई। यह विशेषज्ञ समूह सभी राज्य सरकारों और भारत में टीका विनिर्माताओं के साथ अपनी बातचीत जारी रखेगा। भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता देश है ऐसे में पड़ोसी देशों को सस्ते में वैक्सीन उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई।

वैक्सीन का सुरक्षित और प्रभावी होना जरूरी :

रूस की कोरोना वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, अमेरिका और जर्मनी ने भी संदेह जाहिर किया है। इस संबंध में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यदि रूस की वैक्सीन सफल रही तो यह देखना होगा कि यह कितनी सुरक्षित और प्रभावी है?

सुरक्षित से मतलब इसका कोई साइड इफेक्ट तो नहीं है। प्रभावी का अर्थ यह वैक्सीन शरीर में वायरस से लड़ने के लिए इम्युनिटी बढ़ाती हो। अगर ऐसा होता है तो यह महत्वपूर्ण साबित होगी और भारत के पास बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन की क्षमता है।

Web Title: States will not buy vaccines from Russia, transparent digital system will be made for distribution

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