Space Start-up Pixels: छह हाइपर-स्पेक्ट्रल उपग्रह लॉन्च करने की योजना, आखिर क्या है और कैसे करेगा काम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 22, 2024 09:45 AM2024-01-22T09:45:38+5:302024-01-22T09:47:19+5:30
Space Start-up Pixels: पांच मीटर के रिजॉल्यूशन हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजरी के साथ पृथ्वी पर बेहतर तरीके से नजर रख सकेगा।
Space Start-up Pixels: बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष स्टार्ट-अप पिक्सल ने जून से छोटे घरेलू उपग्रहों-फायरफ्लाइज की एक शृंखला लॉन्च करने की योजना बनाई है, जो अपने पांच मीटर के रिजॉल्यूशन हाइपर-स्पेक्ट्रल इमेजरी के साथ पृथ्वी पर बेहतर तरीके से नजर रख सकेगा।
अंतरिक्ष क्षेत्र में आगे बढ़ने के उद्देश्य से पिक्सल ने हाल में बेंगलुरु में अपनी उपग्रह निर्माण इकाई मेगा पिक्सल की शुरुआत की है, जहां यह हर साल 100 किलोग्राम वजन वाले 40 उपग्रहों को इकट्ठा, एकीकृत और परीक्षण कर सकती है। पिक्सल के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अवैस अहमद ने बताया, ‘‘यदि आप 100-किलोग्राम के छोटे उपग्रहों को देखें, जो वाणिज्यिक व्यवहार्यता के संदर्भ में बहुत सारे काम करने में सक्षम हैं, तो हम उनमें से 20 पर एक ही समय में काम कर सकते हैं।
उन्हें तैयार करने से लेकर परीक्षण तक का समय छह महीने का होता है। इससे यह संख्या हर साल 40 हो जाती है।’’ अहमद ने कहा कि पिक्सल का लक्ष्य जून से फायरफ्लाइज नामक 100 किलोग्राम के छह उपग्रहों को लॉन्च करना है और पांच मीटर स्थानिक रिजॉल्यूशन पर 250 से अधिक स्पेक्ट्रल बैंड में निगरानी करने के लिए अगले साल 12 अन्य उपग्रह जोड़ना है।
अहमद ने कहा कि पांच मीटर की दूरी पर फायरफ्लाइज का रिजॉल्यूशन प्रदर्शन उपग्रहों शकुंतला और आनंद से बेहतर है, जिन्हें पिक्सल ने क्रमशः 2022 में स्पेसएक्स और पीएसएलवी रॉकेट पर लॉन्च किया था। बेंगलुरु में उपग्रह निर्माण सुविधा का उद्घाटन 15 जनवरी को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ द्वारा किया गया।
यह केंद्र 30,000 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला है। इसमें आईएसओ क्लास सात और आईएसओ क्लास आठ के दो अत्याधुनिक आधुनिक कक्ष शामिल हैं। इसमें उन्नत कैमरा एकीकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स अनुसंधान और विकास तथा इलेक्ट्रिकल असेंबली के लिए प्रयोगशालाएं भी हैं।
इसके अलावा यांत्रिक कार्यशाला, मिशन नियंत्रण कक्ष और कार्यालय की भी सुविधा है जहां एक साथ 200 से अधिक कर्मचारी रह सकते हैं। अहमद ने कहा, ‘‘यह सुविधा हमें एक जगह उपग्रहों को इकट्ठा करने, निर्माण करने और परीक्षण करने में सक्षम बनाती है। जिसका अर्थ है कि हम कार्यक्रम को नियंत्रित कर सकते हैं। हम ऐसा करने के लिए किसी बाहरी पर निर्भर हुए बिना तेजी से काम कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जितनी तेजी से हम अपने और अपने कुछ अन्य ग्राहकों के लिए उपग्रह बना सकते हैं, उतनी ही तेजी से हम इसे चालू कर सकते हैं। वह गति हमें आगे बढ़ाती रहेगी।’’ पिक्सल ने पिछले साल गूगल, लाइटस्पीड और अन्य निवेशकों से सीरीज बी वित्त पोषण में 3.6 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए थे। 2018 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक इसने 7.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर जुटाए हैं।