स्टेन स्वामी की मौत एक ‘‘संस्थागत हत्या’’ :एल्गार परिषद मामले के आरोपियों के परिजनों-मित्रों ने कहा

By भाषा | Updated: July 6, 2021 15:41 IST2021-07-06T15:41:30+5:302021-07-06T15:41:30+5:30

Stan Swamy's death an "institutional murder": family-friends of accused in Elgar Parishad case say | स्टेन स्वामी की मौत एक ‘‘संस्थागत हत्या’’ :एल्गार परिषद मामले के आरोपियों के परिजनों-मित्रों ने कहा

स्टेन स्वामी की मौत एक ‘‘संस्थागत हत्या’’ :एल्गार परिषद मामले के आरोपियों के परिजनों-मित्रों ने कहा

नयी दिल्ली, छह जुलाई आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी की मृत्यु को एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार अन्य आरोपियों के परिवार के सदस्यों और मित्रों ने एक ‘‘संस्थागत हत्या’’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि वे इसके लिए लापरवाह जेलों, उदासीन अदालतों और दुर्भावना रखने वाली जांच एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराते हैं।

उन्होंने एक बयान में कहा कि यह अविवेकपूर्ण है कि स्वामी जैसे वृद्ध और खराब स्वास्थ्य का सामना कर रहे व्यक्ति को महामारी के बीच जेल में रखा गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें जेल में कैद अपने परिवार के सदस्यों और सहकर्मियों की जान को खतरा होने का अंदेशा है जोकि जेल में 'समान अन्याय' का सामना कर रहे हैं।

स्वामी को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने एल्गार परिषद मामले के सिलसिले में अक्टूबर 2020 में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत रांची से गिरफ्तार किया था और नवी मुंबई स्थित तलोजा केंद्रीय कारागार में रखा था।

स्वामी 84 साल के थे। सोमवार को मुंबई के होली फैमिली अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। दिल का दौरा पड़ने के एक दिन बाद उन्हें वहां 29 मई को भर्ती कराया गया था और वेंटिलेटर पर रखा गया था।

एल्गार परिषद मामला 31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुई एक सभा में कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा कथित भड़काऊ भाषण दिये जाने से संबद्ध है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के चलते अगले दिन शहर के बाहरी इलाके में स्थित कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई। साथ ही, सभा का आयोजन माओवादियों से कथित संबंध रखने वाले लोगों ने किया था।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम, कोरेगांव-भीमा साजिश मामले में आरोपियों के मित्र एवं परिवार के सदस्य फादर स्टेन स्वामी को खोने से बहुत दुखी और स्तब्ध हैं। यह कोई स्वाभाविक मृत्यु नहीं थी, बल्कि एक अमानवीय सरकार द्वारा की गई एक संस्थागत हत्या है। ’’

इसमें कहा गया है, ‘‘उन्होंने अपना जीवन झारखंड में आदिवासियों के बीच संसाधनों के लिए उनके अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए व्यतीत किया। फादर स्टेन स्वामी, एक प्रतिशोधी सरकार द्वारा फंसाये जाने के बाद अपने प्यारे झारखंड से दूर इस तरह से मरने के हकदार नहीं थे’’

बयान में कहा गया है, ‘‘यहां तक कि उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता जेल में नहीं चल पाया और बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अस्पताल जाने के बाद ही संक्रमण का पता चल सका। ’’

बयान में कहा गया है कि स्वामी, कोरेगांव-भीमा मामले में गिरफ्तार किये गये 16 लोगों में अंतिम थे। इसमें कहा गया है कि वह पार्किंसंस रोग से ग्रसित थे और गिरफ्तार किये गये लोगों में सबसे वृद्ध थे।

बयान में कहा गया है, ‘‘हम (स्वामी की) इस दुर्भाग्यपूर्ण मौत के लिए लापरवाह जेलों, उदासीन अदालतों और दुर्भावना रखने वाली जांच एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराते हैं। ’’ इसमें कहा गया है, ‘‘हम मूकदर्शक बने रहने से इनकार करते हैं और कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Stan Swamy's death an "institutional murder": family-friends of accused in Elgar Parishad case say

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे