ठाकरे के ‘पूर्व और भावी सहयोगी’ वाले बयान से अटकलें तेज

By भाषा | Updated: September 18, 2021 01:06 IST2021-09-18T01:06:02+5:302021-09-18T01:06:02+5:30

Speculation intensifies after Thackeray's remarks about 'former and future allies' | ठाकरे के ‘पूर्व और भावी सहयोगी’ वाले बयान से अटकलें तेज

ठाकरे के ‘पूर्व और भावी सहयोगी’ वाले बयान से अटकलें तेज

औरंगाबाद, 17 सितंबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को यहां एक समारोह में केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे समेत कुछ नेताओं को ‘पूर्व और संभावित भावी सहयोगी’ कहकर संबोधित किया जिससे बदलाव की अटकलों को बल मिल गया है।

ठाकरे नीत शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के साथ रिश्ते तोड़ लिये थे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

यहां एक समारोह में मंच पर उपस्थित नेताओं को ठाकरे ने ‘‘मेरे पूर्व, वर्तमान और अगर हम साथ में आते हैं तो भावी सहयोगी’’ कहकर संबोधित किया। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के भाजपा नेता दानवे और राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री तथा कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट मंच पर मौजूद थे।

बाद में एक अन्य समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में ठाकरे ने साफ किया कि उन्होंने पूर्व और वर्तमान सहयोगी इसलिए कहा था क्योंकि मंच पर सभी दलों के नेता थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सब साथ आते हैं तो वे भावी सहयोगी भी बन सकते हैं। समय बताएगा।’’

वहीं, बाद में संवाददाताओं से बातचीत में केंद्रीय मंत्री दानवे ने कहा कि राकांपा और कांग्रेस के साथ पिछले दो साल से काम करने के बाद ठाकरे को कुछ अनुभव हुआ होगा, जो उन्हें भाजपा से संबंध खत्म करने के फैसले पर दोबारा विचार करवा रहा हो।

उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना और भाजपा पिछले 25-30 वर्षों से गठबंधन में थी। अचानक शिवसेना हमें छोड़कर कांग्रेस और राकांपा से जा मिली। वास्तव में जनादेश शिवसेना और भाजपा गठबंधन के लिए था।’’

उनसे जब पूछा गया कि क्या गठबंधन फिर से बहाल होने के कोई संकेत मिले हैं तो उन्होंने कहा कि इस तरह की सार्वजनिक टिप्पणियों के बाद ‘कुछ सुगबुगाहट’ होगी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि उन्हें अब और प्रदेश का ‘पूर्व’ मंत्री नहीं कहा जाना चाहिए क्योंकि चीजें बदल रही हैं। ठाकरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने किसी अन्य स्थान पर संवाददाताओं से कहा कि ठाकरे को मान लेना चाहिए कि शिवसेना के राकांपा और कांग्रेस के साथ ‘अस्वाभाविक गठबंधन’ की वजह से राज्य को नुकसान उठाना पड़ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उन्हें यह समझकर अपनी बात रखनी चाहिए कि वह किस तरह के लोगों के साथ काम कर रहे हैं। राजनीति में सबकुछ संभव है, लेकिन राज्य भाजपा की नजर सत्ता पर नहीं है। हम एक सक्षम विपक्षी दल हैं और अपना काम करते रहेंगे।’’

शिवसेना नेता संजय राउत ने ठाकरे के बयान को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का भाव प्रदर्शित करते हुए कहा कि दानवे सभी के दोस्त हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब वह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष थे तो सबकुछ ठीक था। इस बयान में ऐसा कुछ नहीं है जिससे धरती हिल गयी हो। जो हमारे साथ आना चाहते हैं, आ सकते हैं और भावी साथी बन सकते हैं। इसमें ज्यादा मतलब नहीं निकालना चाहिए।’’

राउत ने यह दावा भी किया कि उन्हें पता चला है कि चंद्रकांत पाटिल को भाजपा ने नगालैंड के राज्यपाल के पद की पेशकश की है।

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Web Title: Speculation intensifies after Thackeray's remarks about 'former and future allies'

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