सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो डीएस हुड्डा ने कहा- 2016 से पहले भी सेना के हाथ नहीं बंधे थे

By भाषा | Updated: April 13, 2019 09:00 IST2019-04-13T09:00:05+5:302019-04-13T09:00:05+5:30

Special forces trained for surgical strike even before Uri Lt General (retd) D S Hooda | सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो डीएस हुड्डा ने कहा- 2016 से पहले भी सेना के हाथ नहीं बंधे थे

डी एस हुड्डा ने कहा कि मोदी सरकार ने सीमा पार हमले करने की अनुमति देने में बहुत बड़ा संकल्प दिखाया

Highlightsसर्जिकल स्ट्राइक के समय डीएस हुड्डा ने सेना की उत्तरी कमान की अगुवाई की थीहुड्डा ने कहा-1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है। इंडियन आर्मी ने तीन-चार युद्ध लड़े हैं।

साल 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक की अगुवाई कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी एस हुड्डा ने शुक्रवार को कहा कि मोदी सरकार ने सेना को सीमा पार हमले करने की अनुमति देने में बहुत बड़ा संकल्प दिखाया है, लेकिन सेना के हाथ उससे पहले भी बंधे हुए नहीं थे।

हुड्डा यहां विज्ञापन संगठनों द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम 'गोवा फेस्ट' में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "मौजूदा सरकार ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में हवाई हमले की अनुमति देने में निश्चित रूप से महान राजनीतिक संकल्प दिखाया है। लेकिन इससे पहले भी आपकी सेना के हाथ नहीं बंधे थे।"

उन्होंने कहा, "सेना को खुली छूट देने के बारे में बहुत ज्यादा बातें हुई हैं, लेकिन 1947 से सेना सीमा पर स्वतंत्र है। इसने तीन-चार युद्ध लड़े हैं।" हुड्डा ने कहा, "नियंत्रण रेखा एक खतरनाक जगह है क्योंकि जैसा कि मैंने कहा कि आपके ऊपर गोलीबारी की जा रही है और जमीन पर सैनिक इसका तुरंत जवाब देंगे। वे (सैनिक) मुझसे भी नहीं पूछेंगे। कोई अनुमति लेने का कोई सवाल ही नहीं है। सेना को खुली छूट दी गई है और यह सब साथ में हुआ है, कोई विकल्प नहीं है।"

हुड्डा ने सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद सीमा-पार सर्जिकल स्ट्राइक के समय सेना की उत्तरी कमान की अगुवाई की थी। 

Web Title: Special forces trained for surgical strike even before Uri Lt General (retd) D S Hooda

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