विशेष अदालत ने भाजपा विधायक के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की उप्र सरकार की अर्जी खारिज की
By भाषा | Updated: August 26, 2021 18:09 IST2021-08-26T18:09:14+5:302021-08-26T18:09:14+5:30

विशेष अदालत ने भाजपा विधायक के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की उप्र सरकार की अर्जी खारिज की
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक विशेष अदालत ने भाजपा विधायक उमेश मलिक के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने की प्रदेश सरकार की अर्जी बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अदालत ने अपील खारिज करते हुए उच्चतम न्यायालय के इस आदेश हवाला दिया कि उच्च न्यायालय की मंजूरी के बिना किसी भी विधायक या सांसद के खिलाफ अभियोग वापस नहीं लिया जा सकता। बुढाणा से विधायक मलिक ने बृहस्पतिवार को अदालत में आत्मसमर्पण किया और उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट को वापस लेने का आग्रह किया। पुलिस ने 2006 में जिले के जानसठ रोड पर एक मांस फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन के बाद विधायक समेत कई लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा करने के लिए सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) और 149 (गैरकानूनी सभा) के तहत मामला दर्ज किया था। शीर्ष अदालत के आदेश के आधार पर न्यायाधीश गोपाल उपाध्याय ने मलिक के खिलाफ दायर मामले को वापस लेने की उत्तर प्रदेश सरकार की अर्जी खारिज कर दी।इस महीने की शुरुआत में, उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया था कि राज्य के अभियोजक उच्च न्यायालयों की पूर्व मंजूरी के बिना आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के तहत जन प्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस नहीं ले सकते हैं।
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