सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, संसद के विशेष सत्र में चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष की ओर से गिनाए ये मुद्दे
By अंजली चौहान | Published: September 6, 2023 01:19 PM2023-09-06T13:19:25+5:302023-09-06T13:30:03+5:30
पूर्व कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संसद के विशेष सत्र का विवरण मांगा। उन्होंने विशेष सत्र के दौरान उठाए जाने वाले नौ मुद्दों को सूचीबद्ध किया और चर्चा के लिए समय मांगा।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर को संसद के विशेष सत्र का आयोजन किया है। इसके तहत पक्ष और विपक्ष के सभी सांसदों को मौजूद रहना होगा। सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।
विशेष सत्र को लेकर सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर चर्चा के लिए कई अहम मुद्दे गिनाए हैं। उन्होंने नौ मुद्दे भी गिनाये और प्रधानमंत्री से उन पर चर्चा के लिए समय देने का आग्रह किया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में कांग्रेस नेता ने कहा कि आपने 18 सितंबर, 2023 से शुरू होने वाले संसद का विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है। मुझे यह बताना होगा कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के परामर्श के बिना बुलाया गया है। हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि इन 9 मुद्दों पर चर्चा और बहस के लिए उचित नियमों के तहत समय आवंटित किया जाएगा।
Smt Sonia Gandhi, Chairperson, Congress Parliamentary Party writes to Prime Minister Narendra Modi on the special five-day session of the Parliament convened beginning 18 September, 2023.
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 6, 2023
“I must point out that this Special Session has been convened without any consultation with… pic.twitter.com/OPepjvYdwT
सोनिया गांधी ने बताए ये 9 मुद्दे
1- मणिपुर में हो रही हिंसा के कारण लोगों की पीड़ा और राज्य में संवैधानिक तंत्र और सामाजिक सद्भाव का टूटना।
2- हरियाणा के नूंह में हुए सांप्रदायिक हिंसा को लेकर चर्चा की मांग की गई है। साथ ही अन्य राज्यों में भी ऐसी घटना पर चर्चा की मांग है।
3- चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र पर लगातार कब्जा और लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में हमारी सीमाओं पर हमारी संप्रभुता को चुनौती।
4- महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए पत्र में लिखा गया है कि आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों, बढ़ती बेरोजगारी, असमानताओं में वृद्धि और एमएसएमई के संकट पर ध्यान देने के साथ वर्तमान आर्थिक स्थिति।
5- तमाम खुलासों के मद्देनजर अडानी बिजनेस ग्रुप के लेनदेन की जांच के लिए जेपीसी की मांग।
6- एमएसपी और उनके द्वारा उठाई गई अन्य मांगों के संबंध में भारत सरकार द्वारा किसानों और किसान संगठनों से की गई प्रतिबद्धता।
7- जातीय जनगणना कराए जाने की मांग को भी पत्र में लिखा गया है।
8- केंद्र-राज्य संबंधों को नुकसान पहुंच रहा जिस पर फौरन ध्यान देने की आवश्यकता है।
9- कुछ राज्यों में अत्यधिक बाढ़ और कुछ में सूखे के कारण प्राकृतिक आपदाओं का प्रभाव।
गौरतलब है कि चिट्ठी में उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी परामर्श के बिना बुलाया गया है लेकिन उन्होंने कहा कि सत्र हमें सार्वजनिक चिंता और महत्व के मामलों को उठाने का अवसर देगा।
इस बीच, भारतीय गठबंधन के विपक्षी दलों ने मंगलवार को मांग की कि सरकार 18 से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में पारदर्शिता बनाए रखे और देश को अंधेरे में न रखे, यहां तक कि उन्होंने महिला आरक्षण बिल को शीघ्र पारित करने का भी आह्वान किया।