सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेस नेताओं को बड़ा झटका, पार्टी ने संसदीय समिति से बाहर किए कई बड़े नाम
By सुमित राय | Published: August 28, 2020 09:37 AM2020-08-28T09:37:51+5:302020-08-28T09:43:10+5:30
कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिख कर पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की थी, अब वो निशाने पर आ गए हैं।
कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर चल रहे घमासान के बीच 'असंतुष्ट' नेताओं को पार्टी ने बड़ा झटका दिया है और संसदीय समिति से कई बड़े नामों को बाहर कर दिया है। कांग्रेस ने संसद से जुड़े विषयों पर पार्टी की रणनीति तय करने के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाई है, जिसमें दोनों सदनों के पांच-पांच सदस्यों को शामिल गया है, लेकिन इस समिति से कई बड़े नेताओं को नजरअंदाज कर दिया गया है।
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में कांग्रेस के 23 नेताओं ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की मांग की थी। अब ये नेता पार्टी के निशाने पर आ गए हैं।
समिति राज्यसभा में आने वाले मुद्दो को देखेगी
सोनिया गांधी ने जयराम रमेश को चीफ व्हिप नियुक्त किया है, जो पार्टी के असंतुष्ट नेताओं में शामिल नहीं थे। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष ने राज्यसभा के लिए एक समिति गठित की है, जिसमें अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को इस समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया है यह समिति राज्यसभा में आने वाले मुद्दो को देखेगी और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद व उपनेता आनंद शर्मा पर निगरानी रखेगी। दोनों नेताओं ने पत्र लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
लोकसभा के लिए भी किया गया है समिति का गठन
हालांकि पार्टी ने यह दिखाने की कोशिश की है कि यह कवायद असंतुष्ट नेताओं को दरकिनार करने के लिए नहीं की जा रही है, सोनिया गांधी ने ऐसी ही समिति का गठन लोकसभा में के लिए भी किया है। लोकसभा में असम से पार्टी के युवा और दो बार के सांसद गौरव गोगोई को लोकसभा में कांग्रेस का उपनेता बनाया गया है, जबकि लुधियाना से सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को सचेतक की जिम्मेदारी सौंपी है। पश्चिम बंगाल से पार्टी के सांसद अधीर रंजन चौधरी पार्टी के लोकसभा में नेता हैं।
मनीष तिवारी-शशि थरूर को अलग-थलग करने की कोशिश
सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है चिट्ठी लिखने वाले मनीष तिवारी और शशि थरूर जैसे नेता लोकसभा में अलग-थलग पड़ जाएं। शशि थरूर और मनीष तिवारी पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल हैं, लेकिन चिट्टी लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका के कारण उन्हें दरकिनार कर दिया गया है।
गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के बचे गिनती के दिन
कांग्रेस के इस फैसले के बाद ऐसा लगता है कि गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा राज्यसभा में पार्टी के नेता के रूप में दिन गिनती के बचे रहें है। हालांकि सोनिया गांधी के शीर्ष सहयोगियों का कहना है कि इस बदलाव के लिए वह संसद के मानसूस सत्र के खत्म होने का इंतजार करेंगी।
सोनिया गांधी बनी रहेंगी आंतरिक अध्यक्ष
कांग्रेस के संगठन में व्यापक बदलाव और पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग के बीच कार्यसमिति की बैठक में फैसला किया गया कि सोनिया गांधी पार्टी की आंतरिक अध्यक्ष बनी रहेंगी। इसके साथ ही फैसला किया गया कि नए अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के अधिवेशन की बैठक में किया जाएगा।