शिवसेना को लेकर सोनिया गांधी पूर्वाग्रह छोड़ने को तैयार, महाराष्ट्र में सरकार गठन के फार्मूले पर आज होगी चर्चा

By शीलेष शर्मा | Updated: November 20, 2019 05:02 IST2019-11-20T05:02:05+5:302019-11-20T05:02:05+5:30

महाराष्ट्र के राकांपा नेताओं के नेताओं के साथ आज जो बैठक होने वाली थी वह कल के लिए मुल्तवी कर दी गई क्योंकि आज कांग्रेस के तमाम नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मशति के कार्यक्रम में व्यस्त थे. पार्टी सूत्र बताते हैं कि अब यह बैठक कल बुधवाल को होगी. जिसमें महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर ताना बुना जाएगा. जिससे सरकार बनाने का रास्ता साफ हो सके. 

Sonia Gandhi ready to drop prejudice about Shiv Sena, formulation of government formation in Maharashtra will be discussed today | शिवसेना को लेकर सोनिया गांधी पूर्वाग्रह छोड़ने को तैयार, महाराष्ट्र में सरकार गठन के फार्मूले पर आज होगी चर्चा

शिवसेना को लेकर कट्टर हिंदुवाद की छवि और विचारधारा का जो परहेज कांग्रेस अध्यक्ष कर रही थीं

Highlightsसोनिया गांधी ने अहमद पटेल, मल्किकार्जुन खड़गे सहित दूसरे नेताओं से लंबी बातचीत की.भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए इससे बेहतर अवसर कांग्रेस के हाथ दूसरा नहीं लग सकता.

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर अपने पूर्वाग्रहों से जूझ रही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आखिरकार अपना मौन तोड़ा. उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इस बात के साफ संकेत दे दिए कि वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के साथ कल होने वाली बातचीत में बिना झिझक आगे बढ़े. ताकि जल्दि से जल्दि महाराष्ट्र में सरकार का गठन हो सके. 

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के राकांपा नेताओं के नेताओं के साथ आज जो बैठक होने वाली थी वह कल के लिए मुल्तवी कर दी गई क्योंकि आज कांग्रेस के तमाम नेता पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जन्मशति के कार्यक्रम में व्यस्त थे. पार्टी सूत्र बताते हैं कि अब यह बैठक कल बुधवाल को होगी. जिसमें महाराष्ट्र सरकार के गठन को लेकर ताना बुना जाएगा. जिससे सरकार बनाने का रास्ता साफ हो सके. 

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने लोकमत को जानकारी दी कि राकापा और कांग्रेस नेताओं के बीच कल की बैठक में जो नतीजा निकलेगा उसके आधार पर दोनों दलों के नेता शिवसेना से अंतिम दौर की बातचीत करेंगे. जिसके बाद सरकार के गठन की औपचारिक घोषणा किए जाने की संभावना है.

मंगलवार सुबह सोनिया गांधी ने अहमद पटेल, मल्किकार्जुन खड़गे सहित दूसरे नेताओं से लंबी बातचीत की. इस बातचीत के दौरान इस बात के साफ संकेत मिले कि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता इस पक्ष में हैं कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए इससे बेहतर अवसर कांग्रेस के हाथ दूसरा नहीं लग सकता. इन नेताओं ने सोनिया गाँधी को यह भी स्मरण कराया कि अगर कांग्रेस सरकार बनाने में सहयोग नहीं करती है तो पार्टी के अधिकांश विधायक बगावत कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में पार्टी को भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

शिवसेना को लेकर कट्टर हिंदुवाद की छवि और विचारधारा का जो परहेज कांग्रेस अध्यक्ष कर रही थीं उसपर भी इऩ नेताओं ने दलील दी कि इस समय कांग्रेस के यह चुनना होगा कि असली राजनीतिक दुश्मन कौन है और उसी आधार पर फैसला लेने की जरूरत है. शिवसेना हिंदुवाद से अधिक मराठी मानुष के मुद्दे को महत्व देती रही है इसलिए विचारधारा का प्रश्न कोई बहुत बड़ा रोड़ा आनेवाले समय में कांग्रेस के सामने आनेवाला नहीं है. अन्य मुद्दों को लेकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम में विस्तार से व्यवस्था की जा रही है ताकि भविष्य में इन मुद्दों को लेकर कोई विरोधाभास पैदा न हो सके. 

ए. के. एंटोनी, के. सी. वेणुगोपाल जैसे विरोध करने वाले नेताओं के बारे में पार्टी के तमाम नेताओं का मानना था कि वे आज भी 1990 की राजनीतिक सोच के फेर में पड़े हुए हैं. जो पूरी तरह आज के संदर्भों में गैरप्रासंगिक हो चुकी है. 

कांग्रेस कल की बैठक में हर पहलू की गहराई से पड़ताल कर लेना चाहती है, मसलन अधिकारियों की न्युक्तियां किस आधार पर होंगी, सरकार में किस किस दल को किन किन मंत्रालयों का प्रभार दिया जाएगा, अल्पसंख्यकों को लेकर सरकार का रवैया क्या होगा, किसानों को दी जाने वाली सहायता की रूपरेखा कैसे तैयार होगी जैसे वे तमाम मुद्दे शामिल हैं जो कांग्रेस राकापा के संयुक्त चुनावी घोषणापत्र में दिए गए हैं.

इसी बीच आज संसद में शिवसेना के सांसद संजय राउत ने साफ किया कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी. जो लोग शरद पवार के वक्तव्य को लेकर अटकलें लगा रहे हैं उन्हें पवार को समझने के लिए सौ बार जन्म लेना होगा. गठबंधन को लेकर किसी को चिंता करने की आवश्यक्ता नहीं है. जल्द ही शिवसेना गठबंधन के साथ महाराष्ट्र की सत्ता संभालेगी, जो एक स्थिर सरकार होगी. संजय राउत ने इस मौके पर भी भाजपा के खिलाफ हमला करने में कोई मौका नहीं गंवाया. उनका आरोप था कि शिवसेना ने हमेशा भाजपा का साथ दिया लेकिन भाजपा ने शिवसेना के साथ जो कुछ किया वह वादाखिलाफी थी. 

Web Title: Sonia Gandhi ready to drop prejudice about Shiv Sena, formulation of government formation in Maharashtra will be discussed today

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