अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर आज सोनिया गांधी ने बुलाई बैठक, सभी कांग्रेसी सांसदों को मौजूद रहने का आदेश
By अंजली चौहान | Published: August 11, 2023 09:20 AM2023-08-11T09:20:46+5:302023-08-11T09:31:57+5:30
पीएम मोदी पर टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को "बार-बार कदाचार" के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
नई दिल्ली:कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज सभी सांसदों की बैठक बुलाई है। यह बैठक लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी के निलंबन के सिलसिले में रखी गई है जो आज सुबह साढ़े 10 बजे होनी है। बैठक पार्टी के संसदीय कार्यालय में की जाएगी।
दरअसल, गुरुवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस सांसद ने प्रधानमंत्री मोदी पर कुछ ऐसी टिप्पणियां की कि उसके बाद वह बीजेपी के निशाने पर आ गए। लोकसभा में बीजेपी नेता प्रह्लाद जोशी ने एक प्रस्ताव के जरिए अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को पेश किया। प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया।
क्या है अधीर रंजन चौधरी पर आरोप
दरअसल, प्रह्लाद जोशी ने अपने प्रस्ताव में अधीर रंजन चौधरी पर संसदीय कार्यवाही के दौरान लगातार व्यवधान पैदा करने और यहां तक कि देश और इसकी छवि को अपमानित करने का आरोप लगाया। कांग्रेस नेता पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगा है।
बीजेपी नेता ने अधीर रंजन चौधरी पर आरोप लगाया गया है कि यह आदत बन गई है। बार-बार चेतावनी मिलने के बाद भी उन्होंने खुद में सुधार नहीं किया। वह अपनी बहसों में हमेशा बेबुनियाद आरोप लगाते हैं। वह देश और उसकी छवि को अपमानित करते हैं और कभी माफी नहीं मांगते।
वहीं, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, " जब धृतराष्ट्र अंधे थे, तब द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ था, आज भी राजा अंधे बैठे हैं...मणिपुर और हस्तिनापुर में कोई फर्क नहीं है।"
अपने बचाव में बोले अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा की कार्यवाही के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने अपने खिलाफ हुई कार्यवाही को लेकर अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने पीएम मोदी का अपमान नहीं किया है।
कांग्रेस नेता ने अपने बयानों पर सफाई देते हुए कहा कि मोदी जी मणिपुर मुद्दे पर 'नीरव' बैठे हैं, जिसका मतलब है चुप बैठना। 'नीरव' का मतलब है चुप रहना। मेरा इरादा पीएम मोदी का अपमान करना नहीं था।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को ऐसा नहीं लगा कि उनका अपमान किया गया है, उनके दरबारियों को ऐसा लगा और उन्होंने मेरे खिलाफ यह प्रस्ताव लाया। मुझे पता चला कि (मामला) विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया है और मुझे तब तक निलंबित कर दिया गया है।