नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर पहुंचीं। दरअसल, मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने के मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सूरत जाएंगे। पीटीआई को पार्टी सूत्रों ने बताया कि प्रियंका गांधी वाद्रा, कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेता और राज्य इकाइयों के नेता अदालत तक उनके साथ जा सकते हैं।
गांधी के वकीलों ने कहा कि मामले की सोमवार को ही सत्र अदालत में सुनवाई की खातिर लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सत्र अदालत से अपनी सजा निलंबित करने का आग्रह करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी दोपहर करीब दो बजे सूरत पहुंचेंगे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य के सी वेणुगोपाल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी सूरत में होंगे।
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि गांधी के अदालत जाने के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के भी शहर में मौजूद रहने की संभावना है।
सूरत में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने 'मोदी उपनाम' को लेकर राहुल गांधी की ओर से की गई एक टिप्पणी के संबंध में दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे में उन्हें 23 मार्च को दोषी करार देते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
अदालत ने 52 वर्षीय गांधी को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (किसी व्यक्ति की आपराधिक मानहानि के दोषी व्यक्ति के लिए सजा) के तहत दोषी ठहराया था। हालांकि, अदालत ने गांधी को उसी दिन जमानत भी दे दी थी और उनकी सजा के अमल पर 30 दिन के लिए रोक लगा दी थी, ताकि वह ऊपरी अदालत में अपील दाखिल कर सकें।
सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद, लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च को एक अधिसूचना जारी कर गांधी को संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया था। लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद गांधी आठ साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, बशर्ते कोई उच्च अदालत उनकी दोषसिद्धि तथा सजा पर रोक न लगा दे।
गांधी के खिलाफ भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उनकी 'मोदी उपनाम' टिप्पणी को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की थी।
जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 के मुताबिक, दो साल की जेल की सजा मिलने पर सांसद या विधायक संसद या विधानसभा की अपनी सदस्यता से, दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्य हो जाता है।
(भाषा इनपुट के साथ)