महाराष्ट्र के मनोनीत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कल शाम शिवाजी पार्क में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शिरकत नहीं करेंगे. हालांकि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन कर समारोह में शामिल होने का आग्रह किया है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस दोनों बड़े नेताओं के शपथ समारोह में शामिल न होने के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक कारण होने की बात से इनकार कर रही है. पार्टी का तर्क है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण फिलाहल दोनों नेताओं ने समारोह में शिरकत करने को अपनी मंजूरी नहीं दी है.
पार्टी ने इस बात का भी खंडन किया कि कांग्रेस शिवसेना से वैचारिक धरातल पर दूरी बनाने की कोशिश कर रही है. सूत्रों का दावा था कि सोनिया गांधी और राहुल गाँधी के शपथ ग्रहम समारोह में हिस्सा न लेने के पीछे सबसे बड़ा कारण भाजपा के शीर्ष नेताओं को शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रण भेजने को लेकर है.
शपथ समारोह में जिन मुख्मंत्रियों को बुलाए जाने की खबर मिली है उनमें कांग्रेस शासित मुख्यमंत्रियों के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, डीएमके नेता एम के स्टालिन के नाम भी शामिल हैं. इनके अलावा कुछ अन्य बड़े नेताओं को भी बुलाया जा रहा है. कांग्रेस की ओर से शपथ ग्रहण समारोह में जो नेता मौजूद रहेंगे उनमें अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल के नाम प्रमुख हैं. इनके अलावा प्रदेश कांग्रेस के नेता भी शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करेंगे.
पहले ये माना जा रहा था कि उद्धव ठाकरे का शपथ ग्रहण समारोह विपक्षी एकता को लेकर एक नया मंच तैयार करने की कोशिश है. लेकिन, कर्नाटक में जिस तरह कांग्रेस जे डी एस सरकार के शपथ समारोह में विपक्षी नेता एक मंच पर एकत्रित हुए और बाद में बिखर गए इस अनुभव के कारण उद्धव के शपथ समारोह में इस विचार को त्याग दिया गया. बावजूद इसके राकापा, कांग्रेस और शिवसेना महाराष्ट्र में भाजपा के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे के रूप में अपने आप को इस शपथ समारोह के जरीए पेश करने की पूरी कोशिश करेगी.