रातभर चुनार गेस्ट हाउस में रहीं प्रियंका गांधी, कहा-पीड़ितों से मिले बिना नहीं जाउंगी वापस
By स्वाति सिंह | Updated: July 20, 2019 09:25 IST2019-07-20T09:25:31+5:302019-07-20T09:25:31+5:30
प्रियंका सोनभद्र गोलीकांड में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए वाराणसी के एक अस्पताल पहुंचीं और इसके बाद यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर सोनभद्र के लिये रवाना हुईं। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका को वाराणसी-मिर्जापुर सीमा पर रोक दिया गया।

प्रियंका धरने पर बैठ गईं जिसके बाद उन्हें चुनार अतिथि गृह ले जाया गया।
सोनभद्र गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने जाते समय शुक्रवार को अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसके बाद से प्रियंका 20 घंटे तक चुनार के गेस्ट हाउस में हैं। उन्हें मनाने के शुक्रवार को देर रात तक अधिकारीयों-अफसरों का मिर्जापुर गेस्ट हाउस आनाजाना लगा रहा। लेकिन प्रियंका गांधी ने भी साफ कर दिया कि वह पीड़ितों से मिले वगैर वापस नहीं लौटेंगी। प्रशासन के आला अधिकारियों ने काफी कोशिश की, मगर वह पीड़ित के परिजनों से मिलने देने या फिर जेल भेजने की बात पर अड़ गयीं।
उन्होंने वारदात में मारे गये लोगों के परिजन को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन पर मालिकाना हक दिए जाने की भी मांग की। सोनभद्र गोलीकांड को लेकर सियासी सरगर्मियों में शुक्रवार को आई तेजी के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के दूसरे नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रियंका को “अवैध” रूप से गिरफ्तार किया गया और उत्तर प्रदेश सरकार लोकतंत्र को कुचलने की कोशिश कर रही है जबकि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने कहा कि राज्य के मिर्जापुर जिले के नारायणपुर में उन्हें हिरासत में लिया गया।
ADG Varanasi, Commissnor Varanasi division and other senior Police & Govt officials leaving Chunar Qila at 1.15 am pic.twitter.com/ceyk4Rg2k0
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
मामले के सुर्खियों में आने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय का वादा किया और कहा कि घोरावल में तैनात रहे एसडीएम, क्षेत्राधिकारी और निरीक्षक को जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर निलंबित कर दिया गया है । बीट सब इंस्पेक्टर और कांस्टेबल को भी निलंबित किया गया है।
आदित्यनाथ ने सदन में दिये गए बयान में कहा कि इसके अलावा ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके भाई समेत 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) के नेतृत्व में एक समिति भी गठित की गई है जो 10 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
दरअसल, सोनभद्र के घोरावल इलाके में बुधवार को ग्राम प्रधान और गोंड आदिवासियों के बीच जमीन के एक टुकड़े को लेकर हुए संघर्ष में 10 लोगों की हत्या हो गई थी जबकि 18 अन्य घायल हो गए थे। दत्त के समर्थकों ने कथित रूप से आदिवासियों पर फायरिंग की थी। प्रियंका सोनभद्र गोलीकांड में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए वाराणसी के एक अस्पताल पहुंचीं और इसके बाद यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर सोनभद्र के लिये रवाना हुईं। कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका को वाराणसी-मिर्जापुर सीमा पर रोक दिया गया।
इस पर प्रियंका धरने पर बैठ गईं जिसके बाद उन्हें चुनार अतिथि गृह ले जाया गया। सोनभद्र के उप महानिरीक्षक पीयूष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस के अन्य सदस्यों को नारायणपुर में “रोका और हिरासत” में लिया गया । उस समय वह सोनभद्र जा रहीं थीं।
डीआईजी ने कहा कि जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक चुनार अतिथि-गृह में उनसे चर्चा कर रहे हैं जिससे उन्हें सोनभद्र न जाने के लिये तैयार किया जा सके। डीआईजी ने कहा कि सोनभद्र जिले के घोरवाल इलाके में निषेधाज्ञा लागू है और गाड़ियों की सघन तलाशी हो रही है और लोगों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है।
(भाषा इनपुट के साथ)