मुझे बलि का बकरा बनाने की रणनीति?, लद्दाख हिंसा पर सोनम वांगचुक ने कहा-जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ेगी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 25, 2025 18:23 IST2025-09-25T18:21:55+5:302025-09-25T18:23:10+5:30

‘‘मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।’’

Sonam Wangchuk on Ladakh violence Strategy make me scapegoat Putting me in jail instead keeping free only increase problems | मुझे बलि का बकरा बनाने की रणनीति?, लद्दाख हिंसा पर सोनम वांगचुक ने कहा-जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ेगी

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Highlightsकड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस द्वारा भड़काई गई थी।समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है।

लेहः जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका जेल में रहना सरकार के लिए उनकी आजादी से ज्यादा समस्याएं पैदा कर सकता है। वांगचुक ने लद्दाख में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के लिए गृह मंत्रालय द्वारा उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने को ‘‘बलि का बकरा बनाने की रणनीति’’ बताया। गृह मंत्रालय के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए वांगचुक ने कहा कि वह कड़े जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत गिरफ्तारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया, ‘‘मैं देख रहा हूं कि वे कुछ ऐसा मामला बना रहे हैं ताकि मुझे जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करके दो साल के लिए जेल में डाल सकें। मैं इसके लिए तैयार हूं, लेकिन सोनम वांगचुक को आजाद रखने के बजाय जेल में डालने से समस्याएं और बढ़ सकती हैं।’’

जलवायु कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘ये कहना कि यह (हिंसा) मेरे या कांग्रेस द्वारा भड़काई गई थी, समस्या के मूल से निपटने के बजाय बलि का बकरा ढूंढ़ने जैसा है, और इससे कोई हल नहीं निकलेगा।’’ वांगचुक ने कहा, ‘‘वे किसी को बलि का बकरा बनाने के लिए चालाक हो सकते हैं, लेकिन वे बुद्धिमान नहीं हैं। इस समय, हम सभी को ‘चतुराई’ की बजाय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है क्योंकि युवा पहले से ही निराश हैं।’’

जलवायु कार्यकर्ता ने हिंसा भड़कने के लिए लंबे समय से चली आ रही शिकायतों, खासकर क्षेत्र के युवाओं में व्याप्त हताशा को जिम्मेदार ठहराया और तर्क दिया कि असली वजह ‘‘छह साल की बेरोजगारी और हर स्तर पर अधूरे वादों की हताशा’’ है। उन्होंने सरकार पर नौकरी में आरक्षण पर सफलता का दावा करके जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया तथा कहा कि राज्य का दर्जा एवं लद्दाख के आदिवासी दर्जे और पर्यावरण की रक्षा के लिए छठी अनुसूची के विस्तार की मुख्य मांगों पर पांच साल की शांतिपूर्ण अपीलों के बाद भी गौर नहीं किया गया हैं।

वांगचुक ने कहा कि ‘‘बलि का बकरा’’ बनाने की रणनीति अपनाकर सरकार ‘‘वास्तव में शांति के उपाय नहीं कर रही है,’’ बल्कि ऐसे कदम उठा रही है जो लोगों की मूल मांगों से ध्यान भटकाकर स्थिति को ‘‘और बिगाड़’’ देंगे। अधिकारियों के मुताबिक, वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख राज्य का आंदोलन बुधवार को लेह में हिंसा, आगजनी और हिंसा में बदल गया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 40 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 80 लोग घायल हो गए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं , उनके ‘‘भड़काऊ बयानों’’ की वजह से भीड़ हिंसक हो गई।

Web Title: Sonam Wangchuk on Ladakh violence Strategy make me scapegoat Putting me in jail instead keeping free only increase problems

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