महाराष्ट्र: पिता हैं किसान, मजदूरी भी करनी पड़ी पर बेटे ने कर दिया नाम रोशन, इसरो में बना सीनियर वैज्ञानिक
By वैशाली कुमारी | Published: June 18, 2021 01:59 PM2021-06-18T13:59:38+5:302021-06-18T13:59:38+5:30
सोमनाथ माली को इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुना गया है। वह भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी में नौकरी पाने वाले महाराष्ट्र के पहले छात्र हैं।
सोमनाथ माली भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के सीनियर वैज्ञानिक के तौर पर चयनित होने वाले महाराष्ट्र के पहले छात्र हैं। माली के माता-पिता के लिए यह गर्व का क्षण है ।
सोमनाथ माली महाराष्ट्र, सोलापुर जिले की पंढरपुर तहसील के सरकोली गांव के निवासी हैं। सोमनाथ को 2 जून को केरल के तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एक सीनियर वैज्ञानिक के रूप में चुना गया था।
इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सोमनाथ ने कहा कि हाल ही में, मुझे इसरो में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में नौकरी मिली है। मैंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा किया है और आईआईटी, दिल्ली से मैकेनिकल डिज़ाइन कर रहा हूं। मैंने 2016 में इसरो के लिए आवेदन किया था, लेकिन मैं अपनी लिखित परीक्षा पास नहीं कर सका। 2019 में मैंने अपनी एमटेक डिग्री के आधार पर इसरो की इस नौकरी के लिए आवेदन किया। मेरा चयन 2 जून, 2021 को एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में हुआ है।
आसान नहीं रहा छोटे से गांव से बड़ा वैज्ञानिक बनने का सफर
गांव के एक स्कूल में पढ़ने से लेकर इसरो में वैज्ञानिक बनने तक, सोमनाथ का सफर संघर्ष और कठिनाइयों से भरा हुआ है। समाज के एक वंचित वर्ग से संबंध रखने वाले, सोमनाथ के माता-पिता और भाई ने सोमनाथ की पढ़ाई के लिए किसान और यहां तक कि मजदूर के रूप में काम किया है।
सोमवाथ ने सातवीं की पढ़ाई जिला परिषद प्राइमरी स्कूल से और 10वीं क्लास अपने गांव के सेकेंडरी स्कूल से पूरी की। सोमनाथ ने 11वीं कक्षा में पंढरपुर के KBP कॉलेज में दाखिला लिया था।
गेट परीक्षा में 916 रैंक हासिल करते हुए उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में मैकेनिकल डिजाइनर के तौर पर चुना गया था।
IIT में ही सोमनाथ को विमान इंजन के डिजाइन पर काम करने का मौका दिया गया था। सोमनाथ को बाद में 2 जून को ISRO के साथ एक वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में चुना गया।