बातचीत से ही किसानों की समस्याओं का समाधान संभव : नायडू

By भाषा | Updated: December 23, 2020 20:50 IST2020-12-23T20:50:36+5:302020-12-23T20:50:36+5:30

Solution of farmers' problems is possible only through talks: Naidu | बातचीत से ही किसानों की समस्याओं का समाधान संभव : नायडू

बातचीत से ही किसानों की समस्याओं का समाधान संभव : नायडू

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने बुधवार को कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों का समाधान बातचीत से ही निकलेगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ‘किसान दिवस’ के मौके पर हैदराबाद स्थित अपने आवास पर ‘प्रगतिशील किसानों’ के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए नायडू ने कहा कि किसी भी मुद्दे का समाधान बातचीत से हो सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले ही यह घोषणा की है कि वह किसान संगठनों के साथ संवाद के लिए सदैव तैयार है।

राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर लगभग चार हफ्तों से हजारों किसान धरने पर बैठे हैं। किसान संघ तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत की पेशकश को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया है।

सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव भेजा था जिसमें सितंबर में बनाए गए तीनों कानूनों में कम से कम सात संशोधनों की पेशकश की गई है।

किसानों के साथ सरकार की पांच दौर की औपचारिक बातचीत के बावजूद अब तक गतिरोध बना हुआ है लेकिन इस बीच कुछ अन्य किसान समूह नए कानून को लेकर अपना समर्थन व्यक्त करने के लिये सरकार से मिल रहे हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि खाद्य सुरक्षा और राष्ट्र की प्रगति का कृषि से करीबी संबंध है, जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए और टिकाऊ व लाभकारी बनाया जाना चाहिए।

किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों की चर्चा करते हुए नायडू ने कृषि की उत्पादकता बढ़ाने और उसे मौसम में परिवर्तन के लिहाज से लचीला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने फसलों में विविधता लाने, जैविक खेती को बढ़ाने और ज्यादा पोषण वाली किस्मों पर भी जोर दिया।

उन्होंने कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं, कृषि माल ढुलाई तथा कृषि विपणन के लिए जरूरी कृषि आधारभूत संरचना को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ‘ई-एनएएम’ से कृषि उत्पादों के लिए प्रभावी बाज़ार उपलब्ध हो सकेगा।

किसानों की आय को बढ़ाने की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने ‘एमएएनएजीई’ द्वारा किये गए एक अध्ययन को उद्धृत किया जिसमें कहा गया था कि जहां किसानों ने संबद्ध गतिविधियां और मुर्गी पालन जैसे व्यवसाय को भी अपनाया वहां किसानों द्वारा खुदकुशी किये जाने के मामले सामने नहीं आए।

कोविड-19 महामारी के कारण उपजी चुनौतियों के बावजूद रिकॉर्ड मात्रा में अन्न उपजाने के लिये नायडू ने किसानों की सराहना की।

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