दुश्मनों की होगी आफत, सीमा पर तैनात जवानों को जल्द मिलेंगे नए हथियार
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 24, 2018 08:47 AM2018-03-24T08:47:06+5:302018-03-24T08:47:06+5:30
सेना हथियारों को लेकर पिछले कई दिनों से तरह तरह की बातें की जा रही हैं। खुद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बात कही थी कि जब भी सेना तो अच्छे हथिहारों की जरुरत होगी वो उनको खरीदेंगे।
नई दिल्ली(24 मार्च): सेना हथियारों को लेकर पिछले कई दिनों से तरह तरह की बातें की जा रही हैं। खुद रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने ये बात कही थी कि जब भी सेना तो अच्छे हथिहारों की जरुरत होगी वो उनको खरीदेंगे। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि सेना को लंबे समय से आधुनिक हथियारों की जरूरत है।
दरअसल इससे ही सरकार ने भारत-चीन और भारत-पाक बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए नई तरह की राइफल्स, लाइट मशीन गन और क्लोजक्वार्टर बैटल कार्बाइन्स उपलब्ध कराने का काम तेजी से शुरू कर दिया है। खबर के मुताबकि भारत सरकार यह काम फास्ट ट्रैक प्रोसीजर के तहत करेगी।
जबकि सेना के नए अच्छे हथियार कुछ चयनित विदेश कंपनियों को 72,400 असॉल्ट राइफल्स, 16,479 LMG और 93,895 CQB कार्बाइन्स से लिए जाने की खबर है। इसकी लागत करीब 5,366 करोड़ रुपये आएगी।10 दिन के भीतर दिए गए कॉन्ट्रैक्ट का पक्का किया जाना है। इससे पहले 2005 में ही सेना ने CQB कार्बाइन्स की मांग 382 बटालियन के लिए की थी। इनमें प्रत्येक में 850 सैनिक हैं। 2009 में ही लाइट मशीन गन का मामला शुरू हुआ था।
वहीं, देश की सेना को 4.58 क्वार्टर बैटल कार्बाइन्स और 43,544 लाइट मशीन गन्स की जरूरत है। कहा जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर हथियारों की जरूरत थलसेना को है जबकि कुछ नौसेना और एयरफोर्स को भी दिए जाने हैं। ये हथियार सेना को जल्द से जल्द मिल जाएंगे, जिससे वह अपने दुश्मनों को आसानी ने धूल चटा पाएं।