अनुशासनात्मक मामलों को अंतिम रूप देने में छह महीने की समय-सीमा का पालन हो : सीवीसी
By भाषा | Published: December 15, 2020 08:10 PM2020-12-15T20:10:20+5:302020-12-15T20:10:20+5:30
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्र सरकार के सभी संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों से कथित भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को छह महीने के अंदर अंतिम रूप देने को कहा।
सीवीसी के संज्ञान में आया था कि प्राधिकार और संबंधित अधिकारी निर्दिष्ट समय-सीमा का पालन नहीं कर रहे हैं और कुछ मामलों में अनुशासनात्मक कार्यवाही में बहुत वक्त लग जाता है, जिससे ऐसे मामलों को अंतिम रूप देने में अनुचित देरी होती है।
सीवीसी ने सोमवार को जारी एक आदेश में कहा, ‘‘बिना कारण के, अनुचित देरी से अनावश्यक मुकदमेबाजी होती है और आरोपी अधिकारी को अनुचित तरीके से या तो लाभ मिलता है या उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है।’’
आयोग ने कहा कि इस तरह की देरी एक तरफ दोषी अधिकारियों को जुर्माने से बचने में मदद करती है, दूसरी तरफ ऐसे अधिकारियों की समस्या और बढ़ जाती है जिन्हें कुछ मामलों में गलत तरह से आरोपित किया गया है।
सीवीसी ने कहा, ‘‘ जांच अधिकारी (आईओ) की नियुक्ति की तारीख से छह महीने के अंदर जांच रिपोर्ट जमा की जानी चाहिए।’’
आदेश के मुताबिक अगर कुछ अपरिहार्य परिस्थितियों की वजह से जरूरत हुई तो एक और महीने का समय लिया जा सकता है।
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