जम्मू-कश्मीरः आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने पर दो पुलिस कर्मियों सहित 6 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, छह महीनों में बर्खास्त कर्मचारियों की कुल संख्या 25

By भाषा | Published: September 22, 2021 07:15 PM2021-09-22T19:15:39+5:302021-09-22T19:18:21+5:30

हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख के दो बेटों सहित 11 कर्मचारियों को 11 जुलाई को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।

Six Jammu kashmir govt employees sacked for terror links two police constables | जम्मू-कश्मीरः आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने पर दो पुलिस कर्मियों सहित 6 सरकारी कर्मचारी बर्खास्त, छह महीनों में बर्खास्त कर्मचारियों की कुल संख्या 25

पिछले साल आठ अगस्त को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था।

Highlightsसिंह को एक वांछित आतंकवादी और दो अन्य के साथ पकड़ा गया था।छह कर्मचारियों में बडगाम का रहने वाला कांस्टेबल शौकत अहमद खान शामिल है।श्रीनगर में विधान परिषद के एक सदस्य के घर से सरकारी हथियारों की लूट में शामिल था।

श्रीनगरः जम्मू कश्मीर में दो पुलिस कर्मियों सहित छह सरकारी कर्मचारियों को आतंकवादियों के साथ कथित संबंधों को लेकर बुधवार को बर्खास्त कर दिया गया।

इसके साथ ही पिछले करीब छह महीनों में बर्खास्त कर्मचारियों की कुल संख्या 25 हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे पहले सेवा से बर्खास्त किए गए लोगों में पाकिस्तान स्थित हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटे और दागी पुलिस उपाधीक्षक दविन्दर सिंह शामिल थे।

सिंह को एक वांछित आतंकवादी और दो अन्य के साथ पकड़ा गया था। अधिकारियों ने बताया कि सरकार द्वारा बर्खास्त किए गए छह कर्मचारियों में बडगाम का रहने वाला कांस्टेबल शौकत अहमद खान शामिल है। वह श्रीनगर में विधान परिषद के एक सदस्य के घर से सरकारी हथियारों की लूट में शामिल था। वह 2018 में उनके निजी सुरक्षा अधिकारी के रूप में तैनात था। इसके बाद पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे पिछले साल आठ अगस्त को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था।

अधिकारियों ने कहा कि किश्तवाड़ के निवासी पुलिस कांस्टेबल जफर हुसैन बट को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वह राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की जांच के दायरे में है। बट अभी जमानत पर है और जांच से खुलासा हुआ कि उसने हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को अपनी कार दी थी और उनकी सुरक्षित आवाजाही में मदद की थी।

बर्खास्त कर्मचारियों में अनंतनाग के बिजबेहरा का अब्दुल हामिद वानी भी शामिल है जो शिक्षक के तौर पर कार्यरत था। अधिकारियों के अनुसार सरकारी सेवा में आने से पहले, वानी आतंकवादी समूह अल्लाह टाइगर्स का जिला कमांडर था और उसने अलगाववादी विचारधारा का प्रचार किया।

आरोप है कि वानी ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के प्रभाव का फायदा उठाकर बिना किसी चयन प्रक्रिया के रोजगार हासिल कर लिया और वह प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन के चेहरे बुरहान वानी की मौत के बाद 2016 में हुए आंदोलन के दौरान प्रमुख वक्ताओं और आयोजकों में एक था।

अधिकारियों के अनुसार, किश्तवाड़ के रहने वाले और सड़क एवं भवन विभाग में कनिष्ठ सहायक मोहम्मद रफी बट पर किश्तवाड़ में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को साजो-सामान मुहैया कराने तथा आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद करने का आरोप है। उसका नाम भी एनआईए द्वारा दर्ज प्राथमिकी में है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था और वह फिलहाल जमानत पर है।

अधिकारियों के अनुसार, बारामूला निवासी लियाकत अली काकरू को 2001 में गिरफ्तार किया गया था। जांच से पता चला था कि वह स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षित आतंकवादी था। वह 1983 से शिक्षक के तौर पर कार्यरत था। उसके कब्जे से हथियार मिले थे और उस पर 2002 में सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में उसे अदालत ने बरी कर दिया।

2021 में एक बार फिर उसके पास से दो हथगोले बरामद किए गए। पुंछ निवासी और वन विभाग में रेंज अधिकारी के रूप में कार्यरत तारिक महमूद कोहली को पाकिस्तान से नकली भारतीय नोट, अवैध हथियारों व मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया। उस पर सक्रिय आतंकवादियों के संपर्क में रहने का आरोप है।

सामान्य प्रशासन विभाग ने छह कर्मचारियों की बर्खास्तगी के संबंध में एक आदेश में कहा कि उपराज्यपाल तथ्यों और मामलों की परिस्थितियों पर विचार करने के बाद संतुष्ट हैं तथा उपलब्ध जानकारी के अनुसार इन कर्मचारियों की गतिविधियां ऐसी थीं कि उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।

इससे पहले हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख के दो बेटों सहित 11 कर्मचारियों को 11 जुलाई को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उससे पहले अप्रैल-मई में प्रशासन ने दविन्दर सिंह समेत सात कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया था। कुपवाड़ा जिले का शिक्षक इदरीस जान पहला सरकारी कर्मचारी था जिसे एक मई को देश विरोधी गतिविधियों के लिए सेवा से बर्खास्त किया गया था।

Web Title: Six Jammu kashmir govt employees sacked for terror links two police constables

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