'आज की तारीख में क्या हम बंधुआ मजदूरी करा रहे हैं?', मजदूरों की ट्रेन रद्द करने के फैसले को सिद्धारमैया ने उठाए सवाल
By स्वाति सिंह | Published: May 6, 2020 06:15 PM2020-05-06T18:15:32+5:302020-05-07T11:02:09+5:30
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के 'प्रवासी मजदूरों' को वापस रहने का अनुरोध करने के कुछ घंटों बाद ही राज्य सरकार ने अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया। यह ट्रेन मजदूरों को लेकर उनके गृह जनपद जाने वाली थी।
नई दिल्ली: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने प्रवासी मजदूरों की ट्रेन रद्द करने के फैसले को अमानवीय बताया है। सिद्धारमैया ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा कि यह मजदूरों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने लिखा, 'कर्नाटक के मुख्यमंत्री का यह तर्क कि मजदूरों के चले जाने से निर्माण कार्य नहीं होगा, येदियुरप्पा सरकार की मानसिकता दिखाता है। उन्होंने लिखा कि राज्य सरकार को इन असहाय मजदूरों की जान की कोई फिक्र नहीं है। '
सिद्धारमैया ने कहा 'घर वापिस जाने या कर्नाटक में रुकने का फैसला मजदूरों पर छोड़ देना चाहिए न कि सरकार को लेना चाहिए। यह मजदूरों को तय करना है कि वे अपनी सेहत चुनते हैं या काम। अगर कुछ गलत होता है तो कौन इसकी जिम्मेदारी लेगा? आज की तारीख में क्या हम बंधुआ मजदूरी करा रहे हैं? क्या कर्नाटक सरकार द्वारा मजदूरों के हितों का ख्याल रखा गया। सरकार ने भी मजदूरो की कोई परवाह नहीं की। सिद्धरमैया ने कहा, 'मैं मांग करता हूं कि जो मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं उनके लिए ट्रेन की व्यवस्था की जाए।
The decision to go back or to stay back should be with the labourers & not with the government. Labourers are free to choose health or work. Who will take responsibility if something goes wrong?
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
Are we still practicing bonded labour?
For me #MigrantLivesMatter!!
3/4
कर्नाटक सरकार ने बिहार जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनें रद्द की
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के 'प्रवासी मजदूरों' को वापस रहने का अनुरोध करने के कुछ घंटों बाद ही राज्य सरकार ने अगले पांच दिनों में राज्य से चलने वाली 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया। यह ट्रेन मजदूरों को लेकर उनके गृह जनपद जाने वाली थी। कर्नाटक प्रशासन मंगलवार देर रात इस संबध में एक पत्र साउथ वेस्टर्न रेलवे (SWR) को लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि बुधवार से श्रमिक स्पेशल ट्रेन नहीं चलेगी।
Had the interests of labourers been taken care by the concerned stakeholders, migrants may have stayed back.
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) May 6, 2020
Even govt did little to address their concerns.
I strongly urge @CMofKarnataka to arrange trains for those migrants who wish to go back.#MigrantLivesMatter
4/4
कर्नाटक में प्रवासियों के लिए नोडल अधिकारी एन मंजूनाथ प्रसाद द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, बिहार में बेंगलुरु से दानापुर के लिए सुबह 9 बजे, दोपहर 12 बजे और 3 मई को शाम 6 बजे शुरू होने वाली ट्रेन सेवाओं को रद्द करने का अनुरोध किया गया। बता दें कि हजारों प्रवासियों को शहर में फंसे हुए हैं।
मंगलवार को भी शहर के बाहरी इलाके में चिक्कबनावारा रेलवे स्टेशन से 1199 यात्री श्रामिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए, जबकि रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए 35 किलोमीटर से अधिक पैदल चलने वाले कई प्रवासी मजदूरों को रोक दिया गया क्योंकि वे पहले से पंजीकृत नहीं थे।
अन्य राज्यों की तुलना में कर्नाटक में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है: CM येदियुरप्पा
इससे पहले मंगलवार को कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CREDAI) के प्रतिनिधियों ने सीएम येदियुरप्पा से मुलाकात की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा, अन्य राज्यों की तुलना में कर्नाटक में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है। रेड जोन के बाहरी क्षेत्रों में औद्योगिक, निर्माण और व्यापार गतिविधियों को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है। इसलिए मजदूर अनावश्यक यात्रा से बच सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक ने सरकार के फैसले को प्रभावित किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए इन प्रवासी श्रमिकों की आवश्यकता थी। CREDAI के प्रतिनिधियों ने सीएम को सूचित किया था कि मजदूर अफवाहों से घिरे हुए हैं जिस वजह से वे वापस घर जा रहे हैं। हालांकि, सरकार द्वारा अभी तक इन ट्रेनों को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। इस बीच साउथ वेस्टर्न रेलवे के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया कि रेलवे की ट्रेनों को रद्द करने में कोई भूमिका नहीं है।