Shubhanshu Shukla Earth Return: मंगलवार को पृथ्वी पर लौटे शुभांशु शुक्ला, मिशन की घोषणा से लेकर वापसी तक टाइमलाइन
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 15, 2025 17:11 IST2025-07-15T17:10:57+5:302025-07-15T17:11:39+5:30
Shubhanshu Shukla Earth Return: आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18-दिवसीय मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण संबंधी अनेक प्रयोग किए।

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Shubhanshu Shukla Earth Return: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ को पूरा करने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। शुक्ला और वाणिज्यिक ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के उनके तीन अन्य साथी मंगलवार को पृथ्वी पर लौट आए। ड्रैगन ‘ग्रेस’ अंतरिक्ष यान दक्षिणी कैलिफोर्निया में सैन डिएगो के नजदीक समुद्र में उतरा। चार दशकों के बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान में भारत की वापसी कराने वाले ‘एक्सिओम-4 मिशन’ के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर गए चारों अंतरिक्ष यात्री मंगलवार को धरती पर सुरक्षित वापस लौट आए। आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 18-दिवसीय मिशन के दौरान सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण संबंधी अनेक प्रयोग किए।
#WATCH | Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to the earth from the International Space Station 18 days later#AxiomMission4
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Video Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/f57N8K2qCa
Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to earth from the International Space Station 18 days later #AxiomMission4
(Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/uPDQPLG6wT— ANI (@ANI) July 15, 2025
Shubhanshu Shukla Earth Return: मिशन की घोषणा से लेकर वापसी तक के महत्वपूर्ण क्षणों की समय-सीमा इस प्रकार-
- भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुक्ला की भागीदारी वाले एक्सिओम-4 मिशन की घोषणा 2024 के अंत में इसरो और नासा द्वारा समर्थित एक सहयोगी वाणिज्यिक अंतरिक्ष उड़ान के रूप में की गई थी।
- मूल रूप से 2025 के शुरू में प्रक्षेपण के लिए निर्धारित इस मिशन को कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र में तकनीकी जांच और प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण कई बार स्थगित करना पड़ा।
- कई बार विलंब के बाद, मिशन को 25 जून, 2025 को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
- चालक दल 26 जून 2025 को आईएसएस पर पहुंच गया तथा स्टेशन पर 18 दिन का प्रवास शुरू किया।
- मिशन के दौरान, शुक्ला ने सात भारतीय-डिज़ाइन वाले सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोगों का संचालन किया, जिनमें मूंग और मेथी के बीजों का अंकुरण, स्टेम सेल अनुसंधान और सूक्ष्म शैवाल अध्ययन शामिल थे।
- आईएसएस पर उन्होंने शून्य-गुरुत्वाकर्षण में जल के बुलबुले का प्रदर्शन किया और ‘स्क्रीन इंटरैक्शन’ से जुड़े संज्ञानात्मक भार प्रयोगों में भाग लिया।
- उन्होंने सपंर्क प्रयासों के तहत रेडियो और वीडियो लिंक के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, छात्रों और इसरो वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।
- 13 जुलाई को ‘एक्सपीडिशन 73’ के चालक दल के सदस्यों के साथ विदाई समारोह आयोजित किया गया, जहां शुक्ला ने इसरो और अपने सहयोगियों को धन्यवाद दिया।
- ड्रैगन ग्रेस अंतरिक्ष यान निर्धारित गतिविधियों और प्रयोगों को पूरा करने के बाद 14 जुलाई, 2025 को आईएसएस से अलग हुआ।
- शुक्ला और चालक दल के अन्य तीन सदस्य 15 जुलाई, 2025 को कैलिफोर्निया में समुद्र में सुरक्षित रूप से उतर गए, जिससे आईएसएस पर भारत का पहला विस्तारित अनुसंधान मिशन पूरा हो गया।
शुभांशु के गृहनगर लखनऊ में इस उपलब्धि पर देशभक्ति के नारे गूंज उठे और लोगों ने एक-दूसरे को गले लगाकर बधाई दी। उनके पूर्व विद्यालय सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के कानपुर रोड परिसर में भी लोगों ने जश्न मनाया। शुभांशु के परिवार के सदस्यों के साथ-साथ छात्रों, शिक्षकों और गणमान्य व्यक्तियों ने भारतीय झंडे लहराकर कैप्सूल के प्रशांत महासागर में उतरने का स्वागत किया।
शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला और उनकी मां आशा की आंखों में खुशी के आंसू देखे गए, जबकि उनकी बहन सुचि मिश्रा ने नम आंखों और हाथ जोड़कर अपने भाई के उतरने का स्वागत किया। शंभू शुक्ला ने कहा, ‘‘वह अंतरिक्ष में गया और वापस आया है और हम बहुत खुश हैं क्योंकि इस मिशन का देश के गगनयान कार्यक्रम के लिए अपना महत्व है।’’
शुभांशु की मां आशा देवी अपने बेटे की असाधारण उपलब्धि पर भावुक हो गईं। सुचि ने कहा, ‘‘पिछले 18 दिन हमने अपने भाई की अंतरिक्ष यात्रा के बारे में इतनी बातें की कि अब जब लैंडिंग हुई तो हमारे पास शब्द नहीं हैं। यह जानकर बहुत सुकून मिलता है कि मेरे भाई ने देश के लिए जो कुछ भी हासिल करने का लक्ष्य रखा था, वह हासिल हो गया है।’’
शुभांशु के परिवार तथा सीएमएस प्रबंधन ने केक काटकर खुशियां बांटीं और जैसे ही अंतरिक्ष यान समुद्र में उतरा तो स्वागत में जयकारे लगे और वहां मौजूद खड़े होकर तालियां बजाने लगे। सीएमएस प्रबंधक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा, ‘‘शुभांशु की सफलता ने हमारे छात्रों की कल्पनाशीलता को प्रज्वलित किया है। वह सीएमएस के आदर्श वाक्य ‘‘जय जगत’’ का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं और दर्शाते हैं कि अंतरिक्ष कोई कल्पना नहीं है-यह हमारा भविष्य है।’’