श्रृंगला ने म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली में भारत के हित पर जोर दिया; सुरक्षा चिंताओं को उठाया

By भाषा | Updated: December 23, 2021 20:44 IST2021-12-23T20:44:21+5:302021-12-23T20:44:21+5:30

Shringla emphasized India's interest in the restoration of democracy in Myanmar; raised security concerns | श्रृंगला ने म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली में भारत के हित पर जोर दिया; सुरक्षा चिंताओं को उठाया

श्रृंगला ने म्यांमा में लोकतंत्र की बहाली में भारत के हित पर जोर दिया; सुरक्षा चिंताओं को उठाया

नेपीता, 23 दिसंबर विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यांमा में ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल’ के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की और सीमावर्ती क्षेत्रों में भारत की सुरक्षा से संबंधित मामलों को उठाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत म्यांमा में लोकतंत्र की जल्द वापसी और हिरासत में लिये गए लोगों तथा बंदियों की जल्द रिहाई देखना चाहता है।

श्रृंगला दो दिन की म्यांमा की यात्रा पर हैं। म्यांमा में आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार को गत एक फरवरी को सेना द्वारा अपदस्थ किये जाने के बाद यह भारत की तरफ से इस पड़ोसी देश के साथ किया गया पहला उच्चस्तरीय संपर्क है।

शक्तिशाली स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल (एसएसी) का नेतृत्व जनरल मिन आंग लाइंग कर रहे हैं, जिन्होंने फरवरी में सत्ता पर कब्जा कर लिया था।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि श्रृंगला ने अपनी यात्रा के दौरान ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल’ के अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने सू ची के नेतृत्व वाली नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी समेत अन्य राजनीतिक दलों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों के साथ भी बैठकें की।

बयान में कहा गया है कि बैठकों के दौरान विदेश सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि म्यांमा में लोकतंत्र की शीघ्र बहाली, हिरासत एवं कैद में रखे गए लोगों की रिहाई, संवाद के माध्यम से मुद्दों का समाधान और सभी तरह की हिंसा पर पूर्ण रोक में भारत का हित है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) पहल को लगातार भारत की ओर से समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई और उम्मीद जताई कि पांच सूत्री सहमति के आधार पर व्यावहारिक और रचनात्मक तरीके से प्रगति की जाएगी।

मंत्रालय ने कहा कि इस यात्रा से भारत की सुरक्षा से जुड़े, विशेष तौर पर दक्षिणी मणिपुर में चूड़ाचांदपुर जिले में हालिया घटना के मद्देनजर, मुद्दों को उठाने का अवसर भी मिला।

पिछले महीने, 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी और आठ साल के बेटे के अलावा असम राइफल्स के चार जवानों की मणिपुर के चूड़ाचांदपुर जिले में सीमा पर चरमपंथी हिंसा में मौत हो गयी थी।

त्रिपाठी के काफिले को चूड़ाचांदपुर जिले के सेहकान गांव में पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक के संदिग्ध उग्रवादियों ने निशाना बनाया था, जो मणिपुर में एक विद्रोही समूह है और अलग मातृभूमि की मांग कर रहा है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि श्रृंगला ने भारत की सीमा से लगे इलाकों में हिंसा को रोकने तथा शांति एवं स्थिरता कायम करने की जरूरत पर जोर दिया।

मंत्रालय ने कहा, “दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि उनके संबंधित क्षेत्रों को किसी भी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

बयान में कहा गया है कि भारत, म्यांमा के साथ लगभग 1,700 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और उस देश के किसी भी घटनाक्रम का भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसमें कहा गया है कि म्यांमा में शांति और स्थिरता भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से इसके उत्तर पूर्वी क्षेत्र के लिए।

म्यांमा भारत के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण पड़ोसियों में से एक है और आतंकवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों से इसकी सीमा लगती है।

भारत पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ उग्रवादी समूहों के म्यांमा में शरण लेने से चिंतित है।

श्रृंगला ने म्यांमा के लोगों के लिए भारत के निरंतर मानवीय समर्थन से भी अवगत कराया। उन्होंने कोविड-19 महामारी के खिलाफ म्यांमा रेड क्रॉस सोसाइटी को "भारत में निर्मित" टीकों की दस लाख खुराक सौंपी।

विदेश सचिव ने भारत-म्यांमार सीमा क्षेत्रों के आस-पास जारी परियोजनाओं सहित अन्य जन केंद्रित सामाजिक-आर्थिक विकास परियोजनाओं के लिए भारत के निरंतर समर्थन के साथ-साथ कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट और त्रिपक्षीय राजमार्ग जैसी चल रही संपर्क पहलों के शीघ्र कार्यान्वयन के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

यंगून में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, “म्यांमा की अपनी यात्रा के दौरान, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत-म्यांमा संबंधों और म्यांमा की वर्तमान स्थिति पर मीडिया, शिक्षाविदों और थिंक टैंकों के प्रतिनिधियों के विभिन्न वर्गों से मुलाकात की और उनके विचारों को सुना। ”

विदेश मंत्रालय ने कहा, “एक लोकतंत्र और करीबी पड़ोसी के रूप में, भारत म्यांमा में लोकतांत्रिक परिवर्तन प्रक्रिया में शामिल रहा है और इस संदर्भ में लोकतांत्रिक प्रणालियों एवं प्रथाओं पर क्षमता विकसित करने में विभिन्न हितधारकों के साथ काम किया है।

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Web Title: Shringla emphasized India's interest in the restoration of democracy in Myanmar; raised security concerns

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