'कविता के बहाने' का हुआ लोकार्पण, जानिए क्या खास है किताब के अंदर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 4, 2019 16:34 IST2019-11-04T16:34:12+5:302019-11-04T16:34:12+5:30

विभिन्न वक्ताओं ने कहा की संग्रह की कविताएँ भाव और विचार दोनो ही स्तरों पर परिपक्व हैं और इनमें कविता के बेहतर भविष्य की सम्भावनाएँ नजर आती हैं।

shri vilash singh book kitab ke bahane lunch | 'कविता के बहाने' का हुआ लोकार्पण, जानिए क्या खास है किताब के अंदर

'कविता के बहाने' का हुआ लोकार्पण, जानिए क्या खास है किताब के अंदर

परिन्दे प्रकाशन द्वारा प्रकाशित श्री विलास सिह की पुस्तक कविता के बहाने का लोकार्पण समारोह  दिनांक 22.10.2019 को मोहन नगर, ग़ाज़ियाबाद स्थित आई.टी.एस कॉलेज के सभागार में संपन्न हुआ।समारोह की अध्यक्षता प्रख्यात  कवि, कथाकार, आलोचक डॉ गंगा प्रसाद विमल ने की। वरिष्ठ कवि श्री लीलाधर मंडलोई, श्री मदन कश्यप, प्रोफ़ेसर देवशंकर नवीन व श्रीमती अलका सिन्हा ने संग्रह पर अपनी समीक्षात्मक राय ज़ाहिर की और काव्य संग्रह को एक सार्थक उपलब्धि बताया।

विभिन्न वक्ताओं में कहा की संग्रह की कविताएँ भाव और विचार दोनो ही स्तरों पर परिपक्व हैं और इनमें कविता के बेहतर भविष्य की सम्भावनाएँ नजर आती हैं। इन कविताओं में जहाँ एक ओर पौराणिक और महाभारत के प्रतीकों के माध्यम से हमारे समय की विद्रपताओं को रेखांकित किया गया है वहीं वर्तमान समय में सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनैतिक मूल्यों के समक्ष उपस्थित विभिन्न चुनौतियों को भी सार्थक रूप से उठाया गया है।

इन कविताओं में पेड़, पहाड़, नदी, गौरैयों और गिद्धों के माध्यम से पर्यावरण और प्रकृति से जुड़ी चिंताओं की चर्चा है। महिला सुरक्षा और महिलाओं के प्रति समाज के रूढ़िवादी और पितृसत्तात्मक रवैए की पड़ताल भी इस संग्रह की कविताओं में की गयी है। सभी वक्ताओं ने क़ाबू संग्रह ‘कविता के बहाने ‘ को आवश्यक रूप से पठनीय संग्रह बताया और इस के लिए कवि को बधाई दो। आपने वक्तव्य में श्री विलास सिंह ने कहा की कविता की सार्थकता इस बात में है कि वह आपके मनोभावों से तादात्म्य स्थापित कर सके और कवि की अनुभूति पाठक की अपनी अनुभूति बन जाए।

उन्होंने कहा कि उबाका प्रयत्न रहा है की कविताओं में बिम्ब और शिल्पगत जटिलता न हो ताकि कविता की बोधगम्यता बनी रहे। इस अवसर पर वरिष्ठ गीतकार डॉ धनंजय सिहं, नामचीन शायर श्री गोविंद गुलशन व सरवर हसन सरवर, चित्रकार व लेखक श्री राजकमल, संगीतकार डॉ आर. के. भदौरिया, कथाकार श्री सुभाष अखिल, कवि, कथाकार व पत्रकार श्री आलोक यात्री, पर्यावरण सेवी श्री प्रशान्त वत्स  और अन्य मित्र भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रवीण कुमार जी ने अत्यंत कुशलता से किया।

Web Title: shri vilash singh book kitab ke bahane lunch

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