उज्जैनः श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विवाद करने वाले पुजारी प्रतिनिधि महेश शर्मा एवं नाथ संप्रदाय के संत महावीर नाथ दोनों को मंदिर प्रबंध समिति ने दंडित किया है। दोनों को 15 दिन के लिए विशिष्ट मार्गों से प्रवेश एवं पूजन के लिए प्रतिबंधित करने के आदेश प्रशासक प्रथम कौशिक ने जारी किए हैं। दोनों इस दरमियान सामान्य श्रद्धालुओं की भांति आकर दर्शन कर सकेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में बुधवार सुबह यह विवाद हुआ था। नाथ संप्रदाय के ऋणमुक्तेशवर मंदिर के महंत महावीर नाथ, भृर्तहरि गुफा के पीर रामनाथ महाराज के साथ गौरखपुर से आए शंकर नाथ महाराज भगवान के दर्शन के लिए गर्भगृह में पहुंचे थे। यहां पर पहले से मौजूद मंदिर के पुजारी प्रतिनिधि महेश पुजारी शर्मा और उनके बीच सिर पर पगड़ी एवं ड्रेस कोड को लेकर विवाद हुआ था।
विवाद ने तुल पकड़ लिया था और संत महावीर नाथ एवं पुजारी प्रतिनिधि महेश पुजारी के बीच अमर्यादित शब्दों का उपयोग किया गया था। यहां तक की गर्भगृह में ही दोनों ने एक दुसरे को अंगुली उठाकर देख लेने तक की धमकी भगवान के समझ ही दे डाली थी। बाद में नंदी गृह में भी इनके बीच अच्छी खासी अभद्र भाषा में विवाद हुआ था।
मामले में दोनों ही पक्षों ने मंदिर प्रबंध समिति को शिकायत की थी। यहां तक की मुख्यमंत्री के स्थानीय कार्यालय में दोनों पक्षों ने ज्ञापन देते हुए एक दुसरे पर मंदिर में जाने से निष्कासन एवं प्रतिबंध की मांग की थी। इस मामले में मंदिर प्रबंध समिति ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी जिसमें तहसीलदार एवं सहायक प्रशासक मुकेश सोनी, जनसंपर्क अधिकारी एवं नायब तहसीलदार आशीष फलवाडिया एवं सुरक्षा प्रभारी अनुराग चौबे से पूरे मामले पर तीन दिन में प्रतिवेदन तलब किया गया था।
बकौल मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक प्रथम कौशिक प्राथमिक जांच प्रतिवेदन के आधार पर यह सामने आया है कि दोनों ही पक्षों ने मंदिर के विरूद्ध आचरण किया है। इसको लेकर पुजारी प्रतिनिधि महेश पुजारी एवं संत महावीर नाथ दोनों को मंदिर में विशिष्ट रास्तों एवं आगमन पर एवं पूजा में सम्मिलित होने पर 15 दिन का प्रतिबंध लगाया गया है। दोनों ही इन 15 दिनों में सामान्य दर्शनार्थियों की भांति मंदिर में आकर भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इन 15 दिनों में दोनों की विशिष्टता पर प्रतिबंध रहेगा।