नई दिल्ली: योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali) निर्मित कोरोना वायरस के लिए कोरोनिल दवाई लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई है। इस दवा पर आयुष मंत्रालय ने रोक लगा दी है। इसी बीच केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद वाई नाइक ने कहा है कि उन्हें (पतंजलि आयुर्वेद) को अंतिम मंजूरी मिलने से पहले इसका (कोरोनिल) विज्ञापन नहीं करना चाहिए था।
नाइक ने कहा, 'फिलहाल, हमने उनसे अपेक्षित प्रक्रियाएं पूरी करने को कहा है। उन्होंने इसे हमारे पास भेज दिया है और हम जल्द ही इस बारे में फैसला लेंगे।' इससे पहले आयुष मंत्रालय के रुख से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और केंद्रीय मंत्री रह चुके सत्यपाल सिंह के ट्वीट से प्रतीत हो रहा है कि वह आयुष मंत्रालय द्वारा दवा पर तत्काल रोक लगाने के फैसले से नाराज हैं।
आयुष मंत्रालय के रुख से BJP सांसद सत्यपाल सिंह खफा
सत्यपाल सिंह ने ट्वीट कर लिखा है, ''यह सही समय है जब आयुर्वेद के आचार्य, आयुर्वेद- प्रेमी, तथा भारत सरकार मिलकर आयुर्वेद को योग की तर्ज पर दुनियां में स्थापित कर सकते हैं। समय बड़े स्वार्थों को समझने का है,विवाद का नहीं, संवाद का है।'' अपने इस ट्वीट में सत्यपाल सिंह ने आयुष मंत्रालय, पीएमो इंडिया, पीएम नरेंद्र मोदी और योग गुरु बाबा रामदेव को टैग भी किया है। सत्यपाल सिंह ने एक आम यूजर के एक ट्वीट को रि-ट्वीट भी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है, आपकी (सत्यपाल सिंह) बातों से सहमत हैं और पूरा समर्थन है। आप काढ़ा, गिलोय, गर्म पानी, हल्दी, च्यवनप्राश आदि का ज्ञान देकर लोगों को जागरूक करते हो, लेकिन शोध, रिसर्च कर उन्हीं घटक में से अगर असरदार दवा क्लिनिकल ट्रायल से तैयार हुई तो आप मुंह फेर लेते हैं अपने ज्ञान से।
आयुर्वेद ड्रग्स लाइसेंस अथॉरिटी ने भेजा नोटिस
अथॉरिटी के उपनिदेशक यतेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि को कोरोना की दवा के लिए नहीं बल्कि इम्युनिटी बूस्टर और खांसी-जुकाम की दवा के लिए लाइसेंस जारी किया गया था। लेकिन उन्हें मीडिया के माध्यम से ही पता चला कि बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि द्वारा कोरोना की किसी दवा का दावा किया जा रहा है। रावत ने कहा 'भारत सरकार का निर्देश है कि कोई भी कोरोना के नाम पर दवा बनाकर उसका प्रचार-प्रसार नहीं कर सकता। आयुष मंत्रालय से वैधता मिलने के बाद ही ऐसा करने की अनुमति होगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल, विभाग की ओर से पतंजलि को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोविड-19 के इलाज में शत-प्रतिशत कारगर होने का दावा करते हुए मंगलवार (23 जून) को बाजार में एक टैबलेट उतारी। इस दवा का नाम 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) है।
आयुष मंत्रालय ने कहा- जांच-पड़ताल होने तक दवाई का पतंजलि प्रचार ना करें
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा कोरोना किट लॉन्च करने के कुछ घंटे बाद 23 जून को आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि को इस औषधि में मौजूद विभिन्न जड़ी-बूटियों की मात्रा एवं अन्य ब्योरा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने होंगे। आयुष मंत्रालय ने साथ में यह भी कहा कि विषय की जांच-पड़ताल होने तक कंपनी को इस उत्पाद का प्रचार भी बंद करना होगा।
आयुष मंत्रालय ने कहा था कि इस दवा के तथ्य और बताया जा रहे वैज्ञानिक अध्ययन के ब्योरे के बारे में उसे जानकारी नहीं है। पतंजलि को नमूने के आकार, स्थान एवं उन अस्पतालों का ब्योरा देने को कहा गया था, जहां अनुसंधान अध्ययन किया गया। साथ ही, संस्थागत नैतिकता समिति की मंजूरी भी दिखाने को कहा गया है।