बिजनौर कोर्ट में शूटआउट मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सख्त एक्शन लिया है। स्वतः संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीजीपी और प्रमुख गृह सचिव को 20 दिसंबर को तलब किया है।
कोर्ट ने डीजीपी और प्रमुख गृह सचिव से पूछा है कि जिला न्यायालयों में सुरक्षा के लिए सरकार की क्या योजना है? कोर्ट ने कहा कि अगर यूपी सरकार सुरक्षा का इंतजाम नहीं कर सकती है तो भी बताए ताकि फिर केंद्र सरकार से सुरक्षा के लिए कहा जाए।
बिजनौर की अदालत में मंगलवार को हुई गोलीबारी को गंभीरता से लेते हुए पुलिस चौकी के 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ये पुलिसकर्मी अदालत परिसर स्थित पुलिस चौकी में तैनात थे। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बुधवार को यहां बताया कि मंगलवार को अदालत में हुई गोलीबारी को गंभीरता से लेते हुए लापरवाही के आरोप में एक सब इंस्पेक्टर समेत 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
इनमें पांच महिला पुलिसकर्मी और 12 पुरुषकर्मी शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक बिजनौर को लिखे पत्र में क्षेत्राधिकारी बिजनौर अरुण कुमार सिंह ने इन पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की सिफारिश करते हुये कहा कि अदालत परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों की यह डयूटी थी कि वह बिना जांच के किसी को अदालत में प्रवेश न करने दें।
उन्होंने कहा कि सबकी जांच करना थोड़ा मुश्किल काम है क्योंकि इसको लेकर पुलिस और वकीलों में कई बार विवाद भी हो चुका है, लेकिन चूंकि पुलिसकर्मियों को अदालत की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था, इसलिए अगर वे अपनी डयूटी ठीक से निभाते तो ऐसी घटना नहीं होती।
बिजनौर के पुलिस अधीक्षक ने भी बताया कि बिजनौर की अदालत की घटना में 18 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।