मुंबई, 26 जुलाई: महाराष्ट्र में मराठा समुदाय की आरक्षण मांग के समर्थन को लेकर शिवसेना और एनसीपी के एक-एक विधायक ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया। शिवसेना के विधायकों में हर्षवर्धन जाधव और एनसीपी से भाऊसाहेब पाटिल चिकटगांवकर ने इस्तीफा दिया है। हर्षवर्धन कन्नड़ और भाऊसाहेब वैजापुर से विधानसभा सीट से प्रतिनिधि हैं। गौरतलब है कि मराठवाड़ा क्षेत्र में क्षेत्र में आने वाला औरंगाबाद मराठा आरक्षण आंदोलन का केन्द्र बनकर उभरा है।
जाधव बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे के दामाद हैं। उन्होंने हाल में घोषणा की थी कि अगर मराठा समुदाय की मांग पूरी नहीं की गई तो वे इस्तीफा दे देंगे। जाधव ने विधानसभाध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को लिखे एक पत्र में लिखा है कि वह बुधवार दोपहर में अपना इस्तीफा दे रहे हैं। जाधव ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभाध्यक्ष को ईमेल कर दिया है और वह गुरुवार को मुम्बई में उन्हें निजी तौर पर भी सौंपेंगे।
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राज्य और केंद्र सरकारों में बीजेपी नीत सरकारों की घटक शिवसेना के 288 सदस्यीय सदन में 63 विधायक हैं। विधानसभा अध्यक्ष को भेजे त्यागपत्र में चिकटगांवकर ने कहा कि मराठा आंदोलन के दौरान गोदावरी नदी में कूदकर 23 जुलाई को खुदकुशी करने वाले काकासाहेब शिंदे वैजापुर सीट के कनाडगांव के निवासी थे। उन्होंने कहा, 'मुझे उनकी मौत पर दुख है। मराठों के आत्मसम्मान के बारे में सोचते हुए मैं अपना इस्तीफा दे रहा हूं।'
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मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले पर बयान दिया है। उन्होंने कहा, "सरकार ने मराठा समुदाय की माँगों का संज्ञान लेते हुए कई फैसले किए। सरकार उनसे बात करने को तैयार है। सरकार ने मराटा समुदाय को आरक्षण देने के लिए कानून भी बनाया था लेकिन उस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने रोक लगा दी।"
(भाषा इनपुट के साथ)
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