शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर लगाई रोक

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: April 18, 2022 14:30 IST2022-04-18T14:22:14+5:302022-04-18T14:30:23+5:30

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिली जुली सरकार ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के पैतरे को फेल करने के लिए एक बयान जारी किया है, जिसके मुताबिक सरकार किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति केवल कानूनी नियमों के हिसाब से देगी।

Shiv Sena-led Maharashtra government bans use of loudspeakers at all religious places | शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर लगाई रोक

फाइल फोटो

Highlightsलाउडस्पीकर विवाद पर गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक करेंगेउद्धव सरकार धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर उपयोग की अनुमति कानूनी नियमों के हिसाब से देगीराज ठाकर ने उद्धव सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवाने की चेतावनी दी है

मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की बीच चल रही टशल में सूबे की महाविकास अघाड़ी गठबंधन सरकार सक्रिय हो गई है।

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिली जुली सरकार ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे के उस पैतरे को फेल करने की दिशा में बढ़ गई है, जिसमें ठाकरे ने राज्य सरकार को चेतावनी दी थी कि वो आगामी 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतरवा दे नहीं तो मनसे कार्यकर्ता मस्जिदों के सामने लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।

इस मामले में महाराष्ट्र का गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि किसी भी धार्मिक स्थल पर लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति केवल कानूनी नियमों के हिसाब से दी जाएगी।

जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने राज्य के पुलिस महानिदेशक के साथ बैठक करेंगे और सभी पुलिस कमिश्नरों के साथ-साथ अन्य उच्चाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देंगे।

मालूम हो कि इससे पहले रविवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य में चल रहे लाउडस्पीकर विवाद के मद्देनजर कहा था कि इस देश में रहने वाले मुसलमानों को यह बात अच्छे से समझनी होगी कि यहां पर कोई भी धर्म कानून और देश से ऊपर नहीं है। मस्जिदों के लाउडस्पीकर से लोगों को परेशानी होती है तो उन्हें खुद ही वहां से लाउडस्पीकर हटा देना चाहिए।

उन्होंने कहा, "इसके लिए हम महाराष्ट्र में दंगे नहीं चाहते हैं और न ही किसी ने नमाज़ अदा किये जाने का विरोध किया है। हम बस इतना चाहते हैं कि मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर, जो कानूनी तौर पर अवैध हैं। उन्हें वो अपनी स्वेच्छा से उतार दें। लेकिन अगर वो मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतारते हैं तो हम भी लाउडस्पीकर के प्रयोग के लिए स्वतंत्र हैं। मुसलमानों को यह बात अच्छे से समझनी चाहिए कि कोई भी धर्म कानून से बड़ा नहीं होता है। अब मैं 3 मई के बाद देखूंगा कि इस मामले में क्या करना है।"

इसके साथ ही राज ठाकरने ने कहा था, "हमने हिंदुओं से 3 मई तक इंतजार करने के लिए कहा है और अगर उसके बाद भी मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगे रहे तो हम भी मस्जिदों के बाहर लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे।"

मालूम हो कि इससे पहले राज ठाकरने ने यह भी कहा था कि वो जल्द ही अयोध्या जा रहे हैं रामलला का दर्शन करने के लिए, जिसके पलटवार में रविवार को शिवसेना ने भी घोषणा कर दी की मुख्यमंत्री उद्ध ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आदित्य ठाकरे भी भगवान राम का दर्शन करने के लिए अयोध्या जाएंगे।

दरअसल मौजूदा समय में उद्धव और राज ठाकरे के दल एक-दूसरे के मुकाबले इस बात को साबित करने में लगे हुए हैं कि वो महाराष्ट्र में सबसे बड़ी हिंदुत्ववादी पार्टी है।

इसी टशल में बीते दिनों शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादक और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राज ठाकरे पर हमला करते हुए उन्हें 'महाराष्ट्र का ओवैसी' तक कह दिया था। जिससे नाराज मनसे ने 'सामना' के सामने संजय राउत का पोस्टर लगाते हुए कहा था कि राउत अपना लाउडस्पीकर बंद करें नहीं तो अपने तरीके से उनका लाउडस्पीकर बंद कर देंगे।     

Web Title: Shiv Sena-led Maharashtra government bans use of loudspeakers at all religious places

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