शिवसेना को बीजेपी पर भरोसा नहीं, लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के लिए रखी ये शर्त
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 5, 2018 03:30 PM2018-12-05T15:30:14+5:302018-12-05T15:30:14+5:30
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पहले ही पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दे रख हैं कि किसी भी सूरत पर शिवसेना को नाराज ना करें.
भाजपा का क्या भरोसा? लोकसभा जीतने के लिए शिवसेना का इस्तेमाल कर लेगी और विधानसभा को ठेंगा दिखा देगी. इसलिए लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराएं. शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि पार्टी ने इस आशय का एक प्रस्ताव भाजपा के पास भेजा है.
समझा जा रहा है कि भाजपा ने भी इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है. गौरतलब है कि चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने शिवसेना को लुभाने की नीति अपना रखी है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पहले ही पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दे रख हैं कि किसी भी सूरत पर शिवसेना को नाराज ना करें.
इसीलिए चार वर्षों से रिक्त विधानसभा का उपाध्यक्ष पद शिवसेना को दिया गया है जबकि विधायक नीलम गोर्हे के उपसभापति पद के लिए स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भरसक प्रयास किए हैं. इसके अलावा मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने भी पिछले कई दिनों से शिवसेना को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है.
इस बीच, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सांसद अशोक चव्हाण ने कहा, ''कांग्रेस-राकांपा के बीच सीट बंटवारे का फैसला अंतिम चरण में है. यदि कल ही चुनाव की घोषणा हो जाती है तब भी हम तैयार हैं.''
उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार पर समाज के सभी घटक नाराज हैं और इसी नाराजगी को बढ़ने से रोकने की जल्दबाजी भाजपा नेताओं में दिखाई पड़ रही है. राकांपा प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि यदि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ होते हैं तब भी हम इसके लिए तैयार हैं.