सपा-बसपा के गठबंधन ने ‘महागठबंधन’ पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं: शिवसेना
By भाषा | Published: January 12, 2019 10:22 PM2019-01-12T22:22:47+5:302019-01-12T22:22:47+5:30
लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंद ने कहा कि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग है और कोई भी जनोन्मुखी नहीं है।
शिवसेना ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के चुनाव पूर्व गठबंधन ने कांग्रेस की परिकल्पना वाले ‘‘महागठबंधन’’ पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। लोकसभा चुनाव के लिए सपा और बसपा के बीच गठबंधन की औपचारिक घोषणा पर निशाना साधते हुए शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंद ने कहा कि दोनों पार्टियों की विचारधारा अलग है और कोई भी जनोन्मुखी नहीं है।
कायंद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह गठबंधन जनोन्मुखी गठबंधन नहीं है। इसका एकमात्र मकसद दक्षिणपंथी पार्टियों का दूर रखना है। लोग जानते हैं कि दोनों पार्टियों ने पूर्व में कटुतापूर्वक एक-दूसरे का विरोध किया है और वे पूरी तरह से बिना निश्चित एजेंडे के चुनावी उद्देश्य के लिए एक साथ आई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस गठबंधन ने ‘महागठबंधन’ पर सवालिया निशान लगा दिए हैं और उसका भविष्य अनिश्चित बना दिया है। भविष्य ही बताएगा कि क्या राकांपा प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावों से पहले अपने लिए कुछ कर पाएंगे।’’
इस बीच, राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने दावा किया कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2019 का लोकसभा चुनाव ‘‘दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष’’ होगा।महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘इसके लिए सभी धर्मनिरपेक्ष दलों को एक साथ आना चाहिए और जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। सपा-बसपा-कांग्रेस और अन्य सभी एक जैसी विचारधारा वाले दलों को हमारे संविधान तथा लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट होना होगा।’’