आइसक्रीम और जंकफूड के शौकीन हो गए शिमला के बंदर, समय से पहले दिख रहे हैं बायोलॉजिकल बदलाव

By बलवंत तक्षक | Published: December 5, 2019 08:15 AM2019-12-05T08:15:48+5:302019-12-05T08:15:48+5:30

यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि इस समय राज्य की 548 पंचायतें बंदरों से प्रभावित हैं. हिमाचल में इस समय 2 लाख 07 हजार से ज्यादा बंदर हैं.

Shimla monkeys eats ice cream and junk food, biological changes are seen ahead of time | आइसक्रीम और जंकफूड के शौकीन हो गए शिमला के बंदर, समय से पहले दिख रहे हैं बायोलॉजिकल बदलाव

आइसक्रीम और जंकफूड के शौकीन हो गए शिमला के बंदर, समय से पहले दिख रहे हैं बायोलॉजिकल बदलाव

Highlightsशिमला में बंदरों की आबादी इंसानों के लिए ख़तरा बन गई है. पार्किंग में खड़ी गाडि़यों की खिड़कियां और विंड-स्क्रीन तोड़ देते हैं.

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बंदर आइसक्रीम और जंकफूड के शौकीन हो गए हैं. ज्यादा खाना खाने के कारण उनमें समय से पहले ही बायोलॉजिकल बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं. बंदरों की बढ़ती तादाद को देखते हुए उनकी नसबंदी तो की जा रही है, लेकिन रफ्तार अगर यही रही तो इनकी संख्या पर काबू पाने में 25 साल से ज्यादा वक्त लग जाएगा.

राज्य के वन्यजीव विभाग की शोध रिपोर्ट के मुताबिक आमतौर पर चार से पांच साल की उम्र में बच्चों को जन्म देने वाली मादा बंदर अब महज दो साल की उम्र में ही गर्भवती होने लगी हैं. यह मौसम में बदलाव का असर नहीं, बल्कि उन्हें भरपूर खाना मिलने की वजह से हो रहा है. इससे उनका वजन बढ़ रहा है.

यहां यह उल्लेख करना जरूरी है कि इस समय राज्य की 548 पंचायतें बंदरों से प्रभावित हैं. हिमाचल में इस समय 2 लाख 07 हजार से ज्यादा बंदर हैं. अब तक दस करोड़ रुपए इनकी नसबंदी पर खर्च किए जा चुके हैं. बंदरों से कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा बना रहता है.

शिमला में बंदरों की आबादी इंसानों के लिए ख़तरा बन गई है. स्कूल जाने वाले बच्चों और महिलाओं पर वे घात लगाकर हमला करते हैं, उनके बैग, सामान और चश्मा छीनते हैं. पार्किंग में खड़ी गाडि़यों की खिड़कियां और विंड-स्क्रीन तोड़ देते हैं. हिमाचल वन विभाग की रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से शिमला शहरी इलाकों के बंदरों को एक साल के लिए विनाशक घोषित किया जा चुका है.

Web Title: Shimla monkeys eats ice cream and junk food, biological changes are seen ahead of time

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