शेख अब्दुल्ला की तस्वीर पुलिस पदकों से हटाई गई, जम्मू-कश्मीर सरकार ने जारी किया आदेश

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 24, 2022 19:04 IST2022-05-24T18:57:55+5:302022-05-24T19:04:32+5:30

जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने घोषणा की है कि भविष्य में दिये जाने वाले पुलिस वीरता पदक और मेधावी सेवा पदक पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अबदुल्ला की फोटो नहीं होगी।

Sheikh Abdullah's picture removed from police medals, Jammu and Kashmir government orders | शेख अब्दुल्ला की तस्वीर पुलिस पदकों से हटाई गई, जम्मू-कश्मीर सरकार ने जारी किया आदेश

शेख अब्दुल्ला की तस्वीर पुलिस पदकों से हटाई गई, जम्मू-कश्मीर सरकार ने जारी किया आदेश

Highlightsशेख अब्दुल्ला की तस्वीर को जम्मू-कश्मीर पुलिस वीरता पदक और मेधावी सेवा पदक से हटाई गई जम्मू-कश्मीर गृह विभाग ने घोषणा की है कि मेडल पर शेख अब्दुल्ला की फोटो की जगह राष्ट्रीय प्रतीक होगाधारा 370 समाप्त होने से पहले पुलिस वीरता पदक शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक हुआ करता था

जम्मू: नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला की तस्वीर को जम्मू-कश्मीर पुलिस वीरता पदक और मेधावी सेवा पदक से हटा दिया गया है।

इस मामले में आदेश जारी करते हुए जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग ने घोषणा की है कि भविष्य में दिये जाने वाले पुलिस वीरता पदक और मेधावी सेवा पदक पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अबदुल्ला की फोटो नहीं रहेगी।

समाचार वेबसाइट 'इंडियन एक्सप्रेस' के मुताबिक शासन की ओर से सोमवार को आदेश जारी करते हुए सोमवार को कहा गया है कि "यह आदेश दिया जाता है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस पदक योजना के पैरा 4 में संशोधन करते हुए, पदक पर 'शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला' की फोटो की जगह भारत सरकार के 'राष्ट्रीय प्रतीक' का प्रयोग किया जाएगा। पदक में एक तरफ राष्ट्रीय प्रतीक और दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर राज्य का प्रतीक अंकित होगा।

मालूम हो कि इससे पहले अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का संविधान प्रदत्त विशेष प्रवधान अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।

उसके बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2020 में शेख अब्दुल्ला की उपाधि 'शेर-ए-कश्मीर' को दोनों पुलिस पदकों से हटा दिया था और उनका नाम बदलकर जम्मू और कश्मीर कर दिया। वीरता और सराहनीय सेवा के लिए दिये जाने वाले पुलिस पदक को 370 धारा समाप्त होने से पहले शेर-ए-कश्मीर पुलिस पदक के नाम से जाना जाता था।

राज्य सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए जम्मू नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष रतन लाल गुप्ता ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार पूर्ववर्ती सरकार के लिये फैसले को बदलकर राज्य में गलत मिसाल कायम कर रही है।

रतन लाल गुप्ता ने इसे तत्कालीन जम्मू-कश्मीर के इतिहास और पहचान को खत्म किये जाने के प्रयास के तौर पर देखे जाने की बात करते हुए कहा कि शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पहले मुस्लिम थे, जिन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर दिया और भारत का पक्ष लिया था।

इसके साथ ही रतन लाल गुप्ता ने यह भी कहा कि शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में किसान को जमीन देकर भूमि सुधार की शुरुआत की थी और  साहूकारी प्रथा को खत्म किया था। गुप्ता ने कहा कि शेर-ए-कश्मीर शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के लिए जो किया है, उसके लिए उनका नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है।

Web Title: Sheikh Abdullah's picture removed from police medals, Jammu and Kashmir government orders

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