Sheesh Mahal Controversy: केजरीवाल के ‘शीशमहल’ पर रार तेज?, जानें किस सांसद-विधायक ने क्या कहा, टेलीविजन पर 77 लाख, रेशमी कालीन पर 50 लाख रुपये खर्च, देखें वीडियो

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: February 16, 2025 11:10 IST2025-02-16T11:09:49+5:302025-02-16T11:10:55+5:30

Sheesh Mahal Controversy: आम आदमी पार्टी(आप) ने कहा 'नकारात्मक राजनीति' छोड़े और वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करे।

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Highlightsदिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे। जांच बहुत आवश्यक है, जो होनी चाहिए ताकि जनता के सामने दूध का दूध, पानी का पानी हो पाए। अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने 11 साल के कार्यकाल में क्या-क्या गुल खिलाए...

Sheesh Mahal Controversy: केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को दिल्ली के छह फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले के विस्तार के लिए संपत्तियों के कथित विलय और इसकी साज-सज्जा पर हुए खर्च की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। भाजपा ने कथित भ्रष्टाचार के कारण इस बंगले को ‘‘शीशमहल’’ करार दिया है। इसमें अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में 2015 से पिछले साल अक्टूबर के पहले सप्ताह तक रहे थे। आम आदमी पार्टी(आप) ने कहा 'नकारात्मक राजनीति' छोड़े और वादों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करे।

भाजपा सांसद कमलजीत सेहरावत ने CVC द्वारा 6 फ्लैगस्टाफ बंगले (पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का आवास) के जीर्णोद्धार की जांच के आदेश दिए जाने पर कहा, "दिल्ली के मुख्यमंत्री को एक सरकारी निवास मिलता है यह हमेशा से तय है लेकिन उस सरकारी निवास के लिए कुछ पैरामीटर होते हैं... जिस तरह से इस घर को शीश महल की तरह तैयार किया गया, वह दिल्ली की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा है... अगर आप जनता का भरोसा तोड़ते हैं तो उसकी जांच होनी ही चाहिए... CVC की ये जांच बहुत आवश्यक है, जो होनी चाहिए ताकि जनता के सामने दूध का दूध, पानी का पानी हो पाए।"

भाजपा सांसद योगेंद्र चंदोलिया ने दिल्ली मुख्यमंत्री चेहरे पर कहा, "...कोई भी निर्णय पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है... संसदीय बोर्ड कल या परसो तक बैठक करेगा जिसके बाद मुख्यमंत्री के नाम पर कोई निर्णय होगा... 24 से 36 घंटे में ये बैठक होगी और जो केंद्रीय नेतृत्व फैसला लेगा उस पर दिल्ली के 48 के 48 विधायक सहमत होंगे... आगामी 2 से 3 दिनों में सारी स्थिति साफ हो जाएगी... दिल्ली की जनता बहुत जल्द CAG की रिपोर्ट को पेश होते देखना चाहती है... CAG की रिपोर्ट जब आएगी तो पता चलेगा कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने अपने 11 साल के कार्यकाल में क्या-क्या गुल खिलाए...

भाजपा नेता तरुण चुघ ने CVC द्वारा 6 फ्लैगस्टाफ बंगले (पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का आवास) के जीर्णोद्धार की जांच के आदेश दिए जाने पर कहा, "दूध का दूध, पानी का पानी सामने आना चाहिए क्योंकि गरीबों का पैसा, विकास का पैसा अरविंद केजरीवाल ने अपना शीश महल बनाने में लगा दिया। एक तरफ कोरोना काल में ऑक्सीजन और वैक्सीनेशन की आवश्यकता थी लेकिन ऐसे समय में 170 करोड़ रुपये अरविंद केजरीवाल अपने शीशमहल में लगाते रहे..."

VC द्वारा 6 फ्लैगस्टाफ बंगले (पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का आवास) के जीर्णोद्धार की जांच के आदेश दिए जाने पर भाजपा नेता सतीश उपाध्याय ने कहा, "...जिस तरह से शीश महल को सभी नियमों को ताक पर रख कर बनाया गया, लोगों के पैसों का गलत प्रयोग हुआ... इसलिए निश्चित तौर पर CVC ने जो जांच के आदेश दिए हैं वो बहुत जरूरी हैं। हम इसका स्वागत करते हैं..."

CVC द्वारा 6 फ्लैगस्टाफ बंगले (पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का आवास) के जीर्णोद्धार की जांच के आदेश दिए जाने पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, "यह(जांच) जरूरी है क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने जिस प्रकार से दिल्ली को धोखा दिया। कोरोना काल में दिल्ली जिस तरह से ऑक्सीजन और बाकी सुविधाओं के लिए भटकती रही।

लेकिन उस दौरान नैतिकता को ताक पर रखकर शीश महल बनाया गया, ऊपर से 8-10 गुना ज्यादा बजट लगाकर अरविंद केजरीवाल ने बहुत बड़ा अपराध किया... वास्तव में अपराध कितना बड़ा है, कहां-कहां चोरी हुई, कहां-कहां नुकसान हुआ, इसे जानने के लिए जांच होनी जरूरी है... बहुत सारी जगहों पर उन्होंने दिल्ली को धोखा दिया जिसका परिणाम उन्हें देखने को भी मिला।"

सीवीसी ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता की दो पिछली शिकायतों और सीपीडब्ल्यूडी की तथ्यात्मक रिपोर्टों का संज्ञान लिया है और उसके आधार पर अब विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। रोहिणी से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक गुप्ता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 14 अक्टूबर 2024 को सीवीसी को की गई उनकी पहली शिकायत में आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल ने 40,000 वर्ग यार्ड (आठ एकड़) जमीन पर एक भव्य महल के निर्माण के लिए भवन नियमों का उल्लंघन किया।

गुप्ता ने आरोप लगाया कि राजपुर रोड पर भूखंड संख्या 45 और 47 (पहले ‘टाइप-फाइव’ फ्लैट में वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायाधीशों के आवास थे) तथा दो बंगलों (8-ए और 8-बी, फ्लैग स्टाफ रोड) समेत सरकारी संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया गया और नए आवास में मिला दिया गया। उन्होंने कहा कि इस दौरान मानदंडों का उल्लंघन किया गया और उचित अनुमोदन नहीं लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ सीवीसी ने 16 अक्टूबर 2024 को शिकायत दर्ज की और मामले को सीपीडब्ल्यूडी को भेज दिया जिसने उल्लंघन की पुष्टि करते हुए पांच दिसंबर 2024 को अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद 13 फरवरी 2025 को सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी को मामले की पूर्ण जांच करने का निर्देश दिया।’’

गुप्ता ने अपनी दूसरी शिकायत में 6, फ्लैग स्टाफ रोड स्थित बंगले की मरम्मत और आंतरिक साज-सज्जा पर ‘‘जरूरत से अधिक खर्च’’ किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने 21 अक्टूबर 2024 को सीवीसी में दूसरी शिकायत दर्ज कराई थी। गुप्ता ने फ्लैगस्टाफ रोड स्थित बंगले में ‘‘विलासितापूर्ण सुविधाओं’’ पर सार्वजनिक धन के ‘चौंकाने वाले दुरुपयोग’ का आरोप लगाया।

यह बंगला दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘शिकायत में बहुत अधिक व्यय का उल्लेख है, जिसमें टेलीविजन पर 77 लाख रुपये, रेशमी कालीन पर 50 लाख रुपये, पीतल की रेलिंग पर 42 लाख रुपये, स्पा पर 20 लाख रुपये, गर्म पानी पर 18 लाख रुपये तथा शौचालय की सीट पर 12 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी से उनकी दूसरी रिपोर्ट पर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है, जो 24 दिसंबर 2024 को प्रस्तुत की गई थी और उसमें ‘‘फिजूलखर्ची और अनुचित खर्च’’ के आरोपों की पुष्टि की गई थी। उन्होंने कहा, ‘‘तथ्यात्मक रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, सीवीसी ने सीपीडब्ल्यूडी को सार्वजनिक धन के दुरुपयोग की गहन जांच करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।’’ इस बीच, आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने सवाल उठाया कि अगर नियमों का उल्लंघन हुआ है तो भाजपा ने मीडिया को बंगले का निरीक्षण करने से क्यों रोका।

प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा को चुनौती दी कि वह बताए कि सोने के शौचालय, स्विमिंग पूल और मिनी बार के दावे तथ्य हैं या सिर्फ राजनीतिक नाटकबाजी। कक्कड़ ने प्रधानमंत्री आवास पर अत्यधिक व्यय का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की भी मांग की। 

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